ईरान में हिजाब के खिलाफ प्रदर्शन 100 दिन बाद भी जारी हैं। सरकार प्रदर्शनकारियों का दमन कर रही है। दूसरी ओर, प्रदर्शनकारी पीछे हटने को तैयार नहीं हैं। रविवार को ईरान में कई जगह प्रदर्शन हुए। इसमें महिलाओं ने नारे लगाए- चाहे हमारी जान चली जाए, हम झुकेंगे नहीं। महिलाओं के हौसले के चलते उनके लिए समर्थन बढ़ता जा रहा है।
हिजाब के विरोध में मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के साथ वकील और सेलेब्रिटी तक उतर आए है। इस बीच, ईरान का घिनौना चेहरा भी उजागर हुआ है। 17 अक्टूबर को प्रदर्शनों में हिजाब उतारने वाली 25 वर्षीय युवती महसा पेयरावी को रिवॉल्युशनरी कोर्ट की 15वीं पीठ ने 10 साल कैद की सजा सुनाई है। उस पर वैश्वावृत्ति और भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने का आरोप है। पीठ के प्रमुख न्यायाधीश को अबोलकसेम सलावती को मानवाधिकार कार्यकर्ता ‘ईरान में फांसी का न्यायाधीश’ करार दे रहे हैं।
7 लोग गिरफ्तार, ईरान बोला- ब्रिटेन से चल रहीं तबाही की हरकतें
ईरान के रिवॉल्युशनरी गार्ड्स ने मॉरल पुलिसिंग का विरोध करने वाले 7 लोगों को गिरफ्तार किया है, जो ब्रिटेन और यूक्रेन की दोहरी नागरिकता लिए हुए हैं। ईरान सरकार ने कहा है कि यह लोग ईरान से भागने की फिराक में थे। विरोध-प्रदर्शनों को हवा देने का आरोप लगाते हुए ईरान के विदेश मंत्रालय ने कहा कि गिरफ्तारी से साबित होता है कि ब्रिटेन के तार यहां की विनाशकारी गतिविधियों से जुड़े हुए हैं।
इससे पहले, सरकार की ओर से यह भी आरोप लगाया गया है कि विरोध-प्रदर्शन में दुश्मन देशों का षड्यंत्र है। इन प्रदर्शनकारियों को अमेरिका, इजरायल, सऊदी अरब जैसे दुश्मन देशों में सैन्य प्रशिक्षण मिला है। इसी कारण यह हिंसा के साथ ही सरकारी संपत्ति में तोड़फोड़ भी कर रहे हैं। उधर, ब्रिटेन के विदेश मंत्रालय ने कहा कि ईरान से गिरफ्तार किए गए लोगों के बारे में रिपोर्ट मांगी गई है।
5 साल में तीसरी बार प्रदर्शन, ये सबसे लंबा
यह देश में 1979 की इस्लामिक क्रांति के बाद सबसे लंबे समय तक चलने वाला प्रदर्शन हो गया है। इससे पहले बीते 5 साल में दो बार और प्रदर्शन हो चुका है, लेकिन उसे दबा दिया गया था। 2017 के आखिर में शुरू हुआ प्रदर्शन 2018 की शुरुआत तक चला था। जबकि नवंबर 2019 में महिलाओं ने आजादी, जिंदगी अपनी मर्जी से जीने की मांग को लेकर देशभर में प्रदर्शन किए थे। प्रदर्शनों को कुछ सेलिब्रिटीज ने समर्थन दिया। इस कारण या तो उन्हें देश से निकाल दिया गया या गिरफ्तार कर लिया गया।
जर्मनी ने ईरान से कारोबारी योजनाएं टालीं
जर्मनी ने विरोध-प्रदर्शनों के दमन के चलते ईरान के साथ कारोबारी योजनाओं को टाल दिया है। साथ ही अब वह मौजूदा योजनाओं का प्रचार-प्रसार भी नहीं करेगा। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक ईरान के हालात बेहद गंभीर हो चुके हैं। इससे पहले यूरोपीय यूनियन के शीर्ष राजनयिक ने कहा कि ईरान के साथ संबंध बिगड़ रहे हैं। यह 2016 में ईरान से परमाणु समझौते के बाद शुरू हुए कर्ज और निवेश गारंटी को प्रभावित करता है। इसी वजह से उसकी आगामी जनवरी से निवेश गारंटी बंद कर दी जाएगी।