कलेक्टर ने सिविल सर्जन तथा अन्य डॉक्टरों को निर्देश देते हुए कहा कि शिविर में आने वाली प्रत्येक गर्भवती महिला की पूरी जांच करे। आवश्यक होने पर उन्हें खून चढ़ाएं। गंभीर एनिमिक महिलाओं को भर्ती करके उनका समुचित उपचार करें। गर्भवती माताओं के स्वास्थ्य की रक्षा हर हाल में की जाएगी। शिविर में यदि बड़ी संख्या में महिलाएं आ रही हैं तो उनके उपचार के लिए सिविल सर्जन अतिरिक्त अमला तैनात करें। किसी भी स्थिति में कोई गर्भवती महिला बिना जांच और उपचार के जिला अस्पताल से वापस नहीं जाएगी। कलेक्टर ने शिविर में जांच कराने आई महिलाओं तथा उनके परिजनों से शिविर की व्यवस्थाओं की जानकारी ली।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ एनएन मिश्रा ने बताया कि शिविर में गोविंदगढ़ तथा रीवा विकासखण्ड की 79 एवं रायपुर कर्चुलियान विकासखण्ड की 103 गर्भवती महिलाओं की पूरी जांच की गई। जिसमें एएनसी जांच, सोनोग्राफी एवं खून की जांच शामिल थी। कुछ महिलाओं में ह्मदय रोग संबंधी कठिनाई चिन्हित की गई उनका समुचित उपचार किया जा रहा है। जिला अस्पताल में गर्भवती महिलाओं के लिए 100 बेड का स्पेशल वार्ड बनाया गया है। महिलाओं की देखभाल के लिए अलग से नर्सों की टीम तैनात की गई है। जांच तथा उपचार के लिए भी अलग से दल तैनात है। इस अवसर पर सिविल सर्जन डॉ पीके गुप्ता, डॉ विकास, डीपीएम अर्पिता सिंह, तथा अन्य चिकित्सा अधिकारी उपस्थित रहे।