तिरुवनंतपुरम
केरल के पालक्काड जिले में प्राइवेट टूरिस्ट बस और केरल राज्य सड़क परिवहन
निगम (KSRTC) की बस के बीच टक्कर हो गई। हादसे में 5 छात्रों समेत 9 लोगों
की मौत हो गई। राज्य के सड़क परिवहन मंत्री एंटनी राजू ने बताया कि हादसा
बुधवार रात करीब साढ़े 11 बजे हुआ, जब तेज रफ्तार से जा रही निजी बस एक
गाड़ी को 'ओवरटेक' करने के प्रयास में केएसआरटीसी की बस से टकरा गई।
परिवहन निगम की बस के चालक ने कहा कि वह लगभग 40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से वाहन चला रहे थे, तभी अचानक एक निजी बस ने पीछे से टक्कर मार दी। वह मुश्किल से वाहन को नियंत्रित कर सके और उसे गहरे गड्ढे में गिरने से बचा पाए। मंत्री ने बताया कि प्राथमिक जांच में संकेत मिले हैं कि हादसा चालक के बस को तेज गति से चलाने और उसकी लापरवाही के कारण हुआ। उन्होंने बताया कि पता चला है कि बस 97 किलोमीटर प्रतिघंटा से अधिक रफ्तार से दौड़ रही थी।
KSRTC की बस में सवार थे 81 यात्री
मंत्री ने बताया कि केएसआरटीसी की बस केरल के कोट्टारक्करा से तमिलनाडु के
कोयंबटूर जा रही थी और उसमें 81 यात्री सवार थे, जिनमें से तीन की हादसे
में मौत हो गई। वहीं, निजी बस में एर्नाकुलम के 'बेसिलियोस विद्या निकेतन
सीनियर सेकेंडरी स्कूल' के 42 छात्र और 5 शिक्षक सवार थे जो तमिलनाडु के
ऊटी घूमने जा रहे थे। राजू ने यह भी कहा कि स्कूल को यात्रा को लेकर आगे
बढ़ने से पहले मोटर वाहन विभाग (एमवीडी) को यात्रा के बारे में अनिवार्य
रूप से सूचित करना था। यह राज्य के सभी स्कूलों को लिखित रूप में पहले ही
बता दिया गया था।
हालांकि, शुरुआती रिपोर्ट से संकेत मिलता है कि स्कूल की ओर से एमवीडी को सूचित नहीं किया गया था। एमवीडी के अधिकारी भी यह जानने स्कूल पहुंचे कि क्या स्कूल की ओर से यात्रा के बारे में विभाग को सूचित किया था या नहीं? एमवीडी जांच अहम है, क्योंकि विभिन्न मोटर वाहन नियमों का उल्लंघन करने के चलते निजी बस को कोट्टयम आरटीओ की ओर से 'काली सूची' में डाला गया है, जहां यह पंजीकृत है।
केरल HC ने पुलिस से मांगी रिपोर्ट
केरल उच्च न्यायालय ने गुरुवार को पालक्काड में हुए सड़क हादसे पर पुलिस और
मोटर वाहन विभाग (एमवीडी) से रिपोर्ट मांगी है। अदालत ने 'लेजर लाइट' और
प्रतिबंधित हॉर्न का इस्तेमाल होने के बावजूद बस को 'फिटनेस प्रमाणपत्र'
जारी किए जाने पर भी सवाल उठाए। साथ ही मामले को सोमवार को आगे की सुनवाई
के लिए सूचीबद्ध किया गया है।
जस्टिस अनिल के नरेंद्रन और जस्टिस पी जी अजित कुमार की खंडपीठ ने मीडिया की खबरों के आधार पर हादसे पर स्वत: संज्ञान लेते हुए यह कदम उठाया। उसने वाहनों में 'लेजर लाइट' और प्रतिबंधित हॉर्न का इस्तेमाल न करने का निर्देश भी दिया। अदालत ने ऐसी लाइट व हॉर्न का इस्तेमाल करने वाले वाहनों को जब्त करने का निर्देश दिया। वहीं, केरल के मुख्यमंत्री पिनरायी विजयन और राज्य विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष ने दुर्घटना में 9 लोगों की मौत पर शोक व्यक्त किया।
घायलों में से 4 की हालत गंभीर
राज्य के स्थानीय स्वशासन मंत्री एम बी राजेश पालक्काड के एक अस्पताल में
भर्ती घायलों से मिलने पहुंचे। उन्होंने बताया कि घायलों में से 4 की हालत
गंभीर है, जबकि अन्य लोगों की हालत स्थिर है। राजस्व मंत्री के राजन ने कहा
कि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए पर्याप्त कदम उठाए जाएंगे। दुर्घटना में
जान गंवाने वाले लोगों के परिजनों को मुआवजा देने पर विचार करने के लिए
कैबिनेट की एक बैठक की जाएगी।
निजी बस में सवार छात्रों में से एक ने टीवी चैनल को बताया कि निजी बस बेहद तेज रफ्तार से चल रही थी और वह केएसआरटीसी की बस से जा टकराई। पुलिस के मुताबिक, जान गंवाने वालों में 3 छात्राएं शामिल हैं। मृतक छात्रों की उम्र 15 से 17 साल के बीच है। पुलिस ने बताया कि हादसे में करीब 40 लोग घायल भी हुए हैं।