ऑनलाइन गेमिंग (Online Gaming) सेक्टर लगातार ग्रोथ कर रहा है और इस क्षेत्र से जुड़ी कंपनिया जबरदस्त कमाई कर रही है. इनकी कमाई का अंदाजा ताजा मामले से लगाया जा सकता है. दरअसल, बेंगलुरु बेस्ड एक ऑनलाइन गेमिंग कंपनी को डाइरेक्टरेट जनरल ऑफ जीएसटी इंटेलिजेंस (DGGI) ने कथित तौर पर इनडाइरेक्ट टैक्सेशन के इतिहास में अब तक का सबसे बड़ा कारण बताओ नोटिस भेजा है, जो 21,000 करोड़ रुपये का है.
कंपनी को लगा जोरदार झटका
21,000 करोड़ रुपये का GST का नोटिस पाने वाली बेंगलुरु की इस ऑनलाइन
गेमिंग कंपनी का नाम Gameskraft Technology है. कपनी पर GST नहीं चुकाने के
साथ ही कार्ड, कैजुअल और Rummy Culture, Gamezy, Rummy Time जैसे फैंटेसी
गेम्स के जरिये ऑनलाइन बेटिंग को बढ़ावा देने का आरोप भी है. कंपनी को जो
शोकॉज नोटिस दिया गया है, वह साल 2017 से 30 जून, 2022 की अवधि के लिए है.
रिपोर्ट के मुताबिक, डाइरेक्टरेट जनरल ऑफ जीएसटी इंटेलिजेंस (DGGI) ने गेम्सक्राफ्ट टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड को अब तक का सबसे भारी-भरकम जीएसटी नोटिस (GST notice) थमाया है. इसमें बताया गया कि डीजीजीआई की बेंगलुरु विंग ने ऑनलाइन गेमिंग कंपनी को इस रकम से संबंधित कारण बताओ नोटिस जारी किया है. DGGI ने बेटिंग से जुड़ी 77,000 करोड़ रुपये की रकम पर 28 फीसदी टैक्स लगाया है.
गेम्सक्राफ्ट ने ऐसे की धांधली
दरअसल कंपनी अपने प्लेयर्स को ऑनलाइन गेम्स में पैसा दांव पर लगाकर बेटिंग
कराती है. जांच में सामने आया कि Gameskraft इस दौरान किसी को भी कोई
इनवॉयस जारी नहीं कर रही थी. मांगे जाने पर कंपनी की ओर से फर्जी और बैक
डेट वाली इनवॉयस जमा की गईं, जिनकी फॉरेंसिक जांच में इस बड़ी धांधली का
खुलासा हुआ. हालांकि, सूत्रों की मानें तो कर्नाटक हाई कोर्ट ने डिमांड नोटिस पर रोक लगा दी है और अदालत में कार्यवाही जारी है.
DGGI के रडार पर गेमिंग कंपनियां
बिजनेस टुडे के मुताबिक, यह मामला भारत में ऑनलाइन गेमिंग ऑपरेटरों पर एक
बड़ी कार्रवाई का संकेत है. जीएसटी इंटेलिजेंस महानिदेशालय (DGGI) ने देश
में ऐसी सभी कंपनियों को नोटिस जारी करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है.
आधिकारिक सूत्रों ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि भारत में ऑनलाइन गेमिंग
कंपनियों ने पिछले कुछ वर्षों में कथित तौर पर बड़े पैमाने पर Tax चोरी की
है.
डीजीजीआई ने कोर्ट को सूचित किया है कि वह भारत में पूरी ऑनलाइन गेमिंग इंडस्ट्री के खिलाफ इसी तरह के कदम उठा रहा है. विभाग को ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों से लगभग 2.5 लाख करोड़ रुपये की टैक्स वसूली की उम्मीद है.
गेम्सक्राफ्ट के प्रवक्ता ने दी सफाई
ऑनलाइन गेमिंग कंपनी गेम्सक्राफ्ट के प्रवक्ता ने बिजनेस टुडे से बातचीत के
दौरान इस नोटिस के बारे में कहा कि ऑनलाइन स्किल गेमिंग सेक्टर में
यूनिकॉर्न स्टेटस (Unicorn status) के साथ एक जिम्मेदार स्टार्टअप
(Startup) होने के नाते, हमने इंडस्ट्री के स्टैंडर्ड के हिसाब से अपने GST
और Tax देनदारियों का भुगतान किया है. उन्होंने भरोसा जताया कि कंपनी
अधिकारियों को पूरी तरह संतुष्ट करते हुए नोटिस का जवाब देगी.
प्रवक्ता का कहना है कि गेम्स ऑफ चांस और लॉटरी पर 28 फीसदी टैक्स की मांग की गई है, जबकि गेम्स ऑफ स्किल के ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर 18 फीसदी टैक्स लागू है. यहां बता दें जीएसटी परिषद (GST Counsil) अक्टूबर में अपनी 48 वीं बैठक आयोजित कर सकती है, जिसके लिए ऑनलाइन गेमिंग पर टैक्स मापदंडों पर विचार-विमर्श जारी है.