मिलेगा इस सवाल का जवाब
अध्ययन के मुख्य लेखक पीटर मा ने कहा, ‘‘कुल मिलाकर, हमने आस-पास के 820 तारों के 150 टीबी डेटा के माध्यम से एक डेटासेट पर खोज की थी, जिसे पुरानी तकनीकों द्वारा 2017 में खोजा गया था, लेकिन दिलचस्प संकेतों का पता नहीं चला।’’ मा ने कहा, ‘‘हम इस खोज प्रयास को अब मीरकैट दूरबीन और उससे आगे 10 लाख तारों तक बढ़ा रहे हैं। हमारा मानना है कि इस तरह का काम ‘क्या हम ब्रह्मांड में अकेले हैं?’ इस सवाल का जवाब देने के प्रयास में मदद करेंगे।’’रेडियो सिग्नल का किया गया इस्तेमाल
अध्ययन में कहा गया है कि रेडियो संकेतों की खोज करना सबसे आम तकनीक है, क्योंकि तरंगों से तारों के बीच अविश्वसनीय दूरियों के बारे में जानकारी मिल जाती है। इसमें कहा गया कि रेडियो संकेत अंतरिक्ष में व्याप्त धूल और गैस के माध्यम से तेजी से गुजरते हैं और ऐसा प्रकाश की गति से होता है जो हमारे सर्वश्रेष्ठ रॉकेटों की तुलना में लगभग 20,000 गुना तेज है। मा के अनुसंधान सहायक और एसईटीआई इंस्टीट्यूट तथा फ्रेंच नेशनल सेंटर फॉर साइंटिफिक रिसर्च में खगोल विज्ञानी ने कहा, ‘‘बड़े पैमाने पर इन तकनीक का अनुप्रयोग रेडियो तकनीकी विज्ञान के लिए परिवर्तनकारी होगा।’’