हवाना: ग्वांतानामो बे में स्थित अमेरिकी नौसेना के बेस पर परमाणु पनडुब्बी के पहुंचने से क्यूबा और अमेरिका के बीच टकराव की आशंका बढ़ गई है। क्यूबा की सरकार ने कहा है कि इस हरकत को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। साथ ही उसने चेतावनी दी है कि इससे टकराव बढ़ सकता है। मंगलवार को देश के विदेश विभाग की तरफ से एक बयान जारी किया गया है। इस बयान में कहा गया है कि पिछले बुधवार को ग्वांतानामो बे में यह पनडुब्बी पहुंची थी और शनिवार तक वहीं पर रही। यह जानकारी ऐसे समय में आई है जब क्यूबा और चीन की सेनाओं के बीच सैन्य संबंधों को लेकर काफी खबरें पिछले दिनों आई थी। अमेरिका मीडिया ने कहा था कि चीन, अमेरिका की जासूसी के लिए यहां पर एक अड्डा बनाना चाहता है।
क्यूबा ने पूछे सवाल, अमेरिका ने काटी कन्नी
विदेश विभाग के मुताबिक 'पनडुब्बी की मौजूदगी से यह जानना जरूरी हो जाता है कि दुनिया के इस शांतिपूर्ण क्षेत्र में इस कार्रवाई के पीछे सैन्य कारण क्या हैं? इसका टारगेट क्या था और इसका रणनीतिक मकसद क्या है? मंत्रालय ने कैरेबियाई क्षेत्र में परमाणु पनडुब्बियों की मौजूदगी से पैदा हुए खतरे को लेकर चेतावनी दी है। मंत्रालय का कहना है कि क्षेत्र में अमेरिकी मिलिट्री की मौजूदगी, लैटिन अमेरिकी और कैरेबियाई लोगों की संप्रभुता और हितों के लिए खतरा है। वहीं, अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने कहा है, 'हम प्रेस कॉन्फ्रेंस में अमेरिकी सैन्य संपत्तियों और गतिविधियों पर चर्चा नहीं करते हैं। उन्होंने इससे जुड़े सवाल को रक्षा विभाग पेंटागन के हवाले कर दिया। पेंटागन की तरफ से भी इस पर कोई जवाब नहीं दिया गया है।
क्यूबा में चीन का जासूसी अड्डा
क्यूबा की तरफ से अमेरिका की आलोचना ऐसे समय में की गई है जब यह देश एक बार फिर महाशक्तियों के बीच बढ़ते तनाव के केंद्र में है। पिछले दिनों अमेरिकी अखबार वॉल स्ट्रीट जर्नल की एक रिपोर्ट में कहा गया था कि क्यूबा ज्वॉइन्ट मिलिट्री ट्रेनिंग को लेकर चीन के साथ बातचीत कर रहा है। अखबार की तरफ से यह बात एक चीनी जासूसी अभियान पर आई रिपोर्ट के बाद कही गई थी। शुरुआत में अस्पष्ट प्रतिक्रिया के बाद अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा था कि चीन ने क्यूबा में वर्षों से खुफिया जानकारी जुटाने की सुविधाएं बनाए रखी थीं। साल 2019 में उसने इन सुविधाओं को अपग्रेड किया था। हालांकि चीन और क्यूबा दोनों ने ही इस रिपोर्ट को मानने से इनकार कर दिया था।
जारी हैं अमेरिकी प्रतिबंध
सन् 1962 से क्यूबा पर अमेरिका की तरफ से व्यापार प्रतिबंध जारी हैं। उस समय सोवियत संघ ने यहां पर बैलिस्टिक मिसाइलें तैनात कर दी थी। इससे शीत युद्ध के दौरान बड़े स्तर पर परमाणु संघर्ष छिड़ने का खतरा बढ़ गया था। हालांकि बाद में इन मिसाइलों को हटा लिया गया था। मंगलवार के बयान में क्यूबा के विदेश मंत्रालय ने ग्वांतानामो बे पर 'अवैध सैन्य कब्जे' की निंदा की। दरअसल इसके दक्षिणी हिस्से पर अमेरिकी नौसेना का एक बेस है। सन् 1898 में स्पेनिश-अमेरिकी युद्ध के बाद से खाड़ी के किनारे लगभग 117 वर्ग किमी (45 वर्ग मील) भूमि पर अमेरिकी सेना ने कब्जा कर लिया था।