आयोग ने लिया तैयारियों का जायजा
चुनाव को लेकर तैयारियों का जायजा लेने के लिए निर्वाचन आयोग ने दोनों राज्यों का दौरा कर लिया है. आयोग अब बस चुनाव कार्यक्रम को अंतिम रूप देने की तैयारियां कर रहा है. इसके लिए दोनों राज्यों में अनुकूल मौसम, स्कूलों की परीक्षाएं, स्थानीय त्यौहार उत्सव, खेती बाड़ी और अन्य कुछ आयोजनों पर आयोग की टीम का ध्यान है. ताकि चुनाव का कार्यक्रम ऐसा बने कि मतदाताओं और मतदान में जुटी सरकारी मशीनरी को कोई दिक्कत ना हो.
एक साथ होगी चुनाव की घोषणा?
आम तौर पर गुजरात और हिमाचल प्रदेश में विधान सभा चुनावों की घोषणा एक साथ ही होती है. इस बार उम्मीद थी कि जम्मू-कश्मीर के बदले हुए नक्शे और बढ़ी हुई सीटों पर चुनाव के चलते इन राज्यों के चुनाव का कार्यक्रम भी बदल जाएगा. अब हाल में ही मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने संकेत दिया था कि नवंबर में जम्मू-कश्मीर के ऊंचे पर्वतीय इलाकों में भीषण सर्दी पड़ने की वजह से यहां विधानसभा चुनाव अगले साल मार्च तक टाले जा सकते हैं.
पिछली बार अलग-अलग आया था नोटिफिकेशन
पिछली बार यानी 2017 में इन दोनों राज्यों हिमाचल प्रदेश और गुजरात के विधानसभा चुनाव कार्यक्रम की घोषणा पर गौर करें, तो काफी कुछ बदला नजर आता है. कई दशकों में पहली बार दोनों राज्यों के लिए चुनाव कार्यक्रम की घोषणा अलग-अलग दिन हुई थी. तब 13 दिन के अंतर पर चुनाव का ऐलान किया गया था. आयोग ने 12 अक्टूबर की सुबह दोपहर बाद प्रेस कांफ्रेंस करने की सूचना जारी की. उस दिन सिर्फ हिमाचल प्रदेश के चुनाव का कार्यक्रम घोषित किया गया. हिमाचल प्रदेश में 9 नवंबर 2017 को मतदान की घोषणा की गई. जबकि मतगणना की तारीख करीब 40 दिन बाद यानी 18 दिसंबर को रखी गई.
इस घोषणा के 13 दिन बाद 25 अक्टूबर को गुजरात की 14वीं विधान सभा की 182 सीटों के लिए चुनाव तारीखों का ऐलान किया गया. हिमाचल प्रदेश के चुनावों के लिए मतदान के ठीक एक महीने बाद यानी 9 और 14 दिसंबर को दो चरणों में मतदान हुआ. मतगणना 18 दिसंबर को दोनों राज्यों के चुनाव की साथ-साथ हुई.