एटम बम और कुरान वाला फॉर्मूला फेल, अब पाकिस्तान को मौलवी की कमेटी डालने की 'अनमोल' सलाह, वीडियो
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08-02-2023 05:57 PM
इस्लामाबाद: पाकिस्तान इस समय भयानक आर्थिक संकट में फंसा है। सिर्फ सात दिनों तक का विदेशी मुद्राभंडार देश के पास बचा है। अब इसकी नजरें अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (IMF) से मिलने वाले बेलआउट पैकेज पर टिकी हैं। अगर आईएमएफ सही समय पर देश के राहत पैकेज दे देता है तो फिर उस पर से कुछ दिनों तक संकट टल सकता है। लेकिन देश के एक मौलाना ने प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ को ऐसी सलाह दे डाली है कि उसके बाद पाकिस्तान को कभी आर्थिक संकट का सामना नहीं करना पड़ेगा। इन मौलाना का नाम है मौलवी नसीर मदनी और इनकी मानें तो पाकिस्तान को मुसलमान देशों के साथ मिलकर एक कमेटी शुरू करनी चाहिए।
मुसलमान देशों के साथ कमेटीमौलाना नसीर मदनी ने कहा है कि वह प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ को 57 मुसलमान देशों के साथ मिलकर एक-एक अरब डॉलर की कमेटी डालनी चाहिए। पहली कमेटी पाकिस्तान रख ले और आईएमएफ को टाटा कर दे। उनका यह वीडिया काफी तेजी से वायरल हो रहा है। नसीर मदनी से पहले तहरीक-ए-लबैक पाकिस्तान पार्टी के नेता साद रिजवी ने कहा था कि दुनिया से भीख मांगने की जगह शहबाज सरकार को परमाणु बम हाथ में लेकर पैसे मांगने चाहिए। रिजवी ने इसी दौरान स्वीडन और नीदरलैंड्स में कुरान जलाए जाने की घटना का जिक्र भी किया और कहा कि पकिस्तान की सरकार एक कमजोर सरकार है जो ऐसे लोगों को सबक भी नहीं सिखा पा रही है।
नौ फरवरी को बड़ा ऐलान!
पाकिस्तान दिन पर दिन और गहरे संकट की तरफ बढ़ रहा है। नौ फरवरी को आईएमएफ की तरफ से उसके लिए एक बड़ा फैसला किया जा सकता है। आईएमएफ हो सकता है देश को राहत के नाम पर 1.3 अरब डॉलर की पहली मदद जारी करने के फैसले का ऐलान कर दे। मगर संकट इतना बड़ा है कि यह रकम भी बहुत कम साबित होगी। मार्च में मिलने वाली इस राशि से देश को कितनी राहत मिलेगी, इस बारे में सभी को कई आशंकाएं हैं। आईएमएफ की तरफ से पाकिस्तान के सामने कई शर्तें भी रखी गई हैं।
सिर्फ कुछ दिनों का आयात!
देश के आर्थिक जानकारों की मानें तो उन शर्तों को मानकर पीएम शहबाज देश की आर्थिक आजादी के साथ समझौता कर रहे हैं। आईएमएफ ने शहबाज से अपील की है कि वह सैन्य और असैन्य संपत्तियों का ऐलान करें और साथ ही रक्षा बजट में भी कटौती करें। इसके साथ ही भारी कर, बिजली, गैस और बाकी ऊर्जा पर दी जा रही छूट को भी खत्म करें। डॉलर खत्म होने की वजह से पाकिस्तान के पास सिर्फ कुछ ही दिनों के आयात की सुविधा बची है।