समुद्र तल की ओर पानी का प्रवाह घट रहा
न्यू साउथ वेल्स विश्वविद्यालय (UNSW) के जलवायु प्रोफेसर मैथ्यू इंग्लैंड ने कहा कि यदि मॉडल सही है, तो गहरे समुद्र की धारा एक ऐसे प्रक्षेपवक्र पर होगी जो ढहने की ओर अग्रसर है। जैसे-जैसे तापमान बढ़ता है, अंटार्कटिकाा की पिघलती बर्फ से ताजा पानी समुद्र में प्रवेश करता है, जिससे सतह के पानी की लवणता और घनत्व कम हो जाता है और समुद्र के तल में नीचे की ओर प्रवाह कम हो जाता है। जबकि पिछले शोध में देखा गया है कि उत्तरी अटलांटिक में इसी तरह के परिवर्तन से आर्कटिक ब्लॉस्ट जैसे हालात बन सकते हैं, क्योंकि गर्मी का परिवहन तंत्र कमजोर पड़ रहा है।
पानी का प्रवाह कम हुआ तो मचेगी तबाही
वैज्ञानिकों ने इस सदी के मध्य तक विभिन्न मॉडलों और सिमुलेशन के माध्यम से दो वर्षों में लगभग 3.5 करोड़ कम्यूटिंग घंटे का शोध किया। इस आधार पर उन्होंने बताया है कि अंटार्कटिका में गहरे पानी के संचलन को खोजने से उत्तरी अटलांटिक में गिरावट की दर दोगुनी हो सकती है। UNSW के एमेरिटस प्रोफेसर जॉन चर्च ने कहा कि गहरे समुद्र के संचलन में गिरावट के प्रभाव के बारे में कई अनिश्चितताएं थीं। लेकिन यह लगभग निश्चित लगता है कि ग्रीनहाउस गैसों का अधिक उत्सर्जन जारी रहा तो समुद्र और जलवायु प्रणाली पर और भी गहरा प्रभाव पड़ेगा।