इसी साल की शुरुआत में टी20 इंटरनेशनल क्रिकेट के कुछ नियमों में बदलाव
हुए थे, जिनमें प्रमुख नियम ये था कि अगर टीम निर्धारित समय में अपने 20वें
ओवर को नहीं फेंक पाती है तो उसको अपने खिलाड़ियों को 30 गज के दायरे में
लाना होगा। निर्धारित समय से एक ओवर कम फेंकने के लिए एक खिलाड़ी और दो ओवर
के लिए दो अतिरिक्त खिलाड़ी 30 गज के दायरे में रखने की पेनल्टी लगती है,
लेकिन ऑस्ट्रेलिया ने आईसीसी के इस नियम का तोड़ खोज लिया है।
दरअसल, ऑस्ट्रेलिया की टीम ने इंग्लैंड के खिलाफ हाल ही में समाप्त हुई टी20 सीरीज के दौरान एक ऐसा तरीका अपनाया था, जिससे थोड़ा-थोड़ा करके समय बचाया जाए और मैच में फील्डिंग रेस्ट्रिक्शन पेनल्टी से बचा जाए। ऑस्ट्रेलिया की ये चतुर चाल थी, जो नियमों के खिलाफ नहीं थी, बल्कि अपनी खुद की अपनाई हुई चालाकी थी और इस पर किसी प्रकार से सवाल नहीं खड़ा किया जा सकता। बाकी टीमें भी ऐसा कर सकती हैं और इसमें कोई बुराई नहीं है।
अब बात करते हैं कि आखिरी ऑस्ट्रेलिया ने ऐसा किया क्या, जिससे
टीम पेनल्टी से बच सकती है? दरअसल, टी20आई मैच में 6 ओवर के पावरप्ले में
सिर्फ दो ही खिलाड़ी बाउंड्री पर खड़े हो सकते हैं और ऐसे में पहले 6 ओवर
में ज्यादा बाउंड्री पड़ती हैं। इस वजह से 30 गज के दायरे में खड़े
खिलाड़ियों को बाउंड्री रोप से गेंद को लाना पड़ता था और इसमें कुछ सेकेंड
के समय की खपत होती थी।
इसी से बचने के लिए ऑस्ट्रेलिया ने अपने कोचिंग स्टाफ और डगआउट के
खिलाड़ियों को बाउंड्री रोप पर रखना शुरू कर दिया है। बाउंड्री लाइन के
बाहर खड़े खिलाड़ी और टीम के अन्य सदस्य उस गेंद को मैदान के अंदर जल्दी
फेंक देते हैं, जो चौके या छक्के के रूप में उस दिशा में जाती है, जहां
फील्डर नहीं होता। ऐसा करके टीम अगर 6 ओवर में 8 से 10 बार भी बाउंड्री की
गेंद को जल्दी अपने पास लाने में सक्षम होती है तो फिर हर बार 10 से 15
सेकेंड बचाए जा सकते हैं और इस तरह कुल डेढ़ दो मिनट आपको अतिरिक्त मिल
सकते हैं, जो आखिरी में काम आएंगे। यही चाल ऑस्ट्रेलिया ने चलनी शुरू कर दी
है।