इस्लामाबाद : कुछ दिनों पहले भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में पाकिस्तान के 'आतंक प्रेम' को बेनकाब किया था। इसके जवाब में पाकिस्तान के बौखलाए विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ने गुजरात दंगों का हवाला देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर अपमानजनक टिप्पणी की थी। उनके इस बयान की न सिर्फ भारत बल्कि पाकिस्तान में भी निंदा हो रही है। इस बीच पाकिस्तान के एक पत्रकार का कहना है कि विदेश मंत्रालय ने बिलावल को इस तरह की बयानबाजी की सलाह नहीं दी थी। बिलावल के बयान से नाराज कुछ पाकिस्तानी यूजर्स ट्विटर पर उनसे विदेशी दौरों के खर्च का हिसाब मांगने लगे।अपने टीवी प्रोग्राम में पाकिस्तानी पत्रकार कामरान यूसुफ ने कहा, 'क्या बिलावल भुट्टो को यह बयान देना चाहिए था? पाकिस्तान के पूर्व राजनयिक अब्दुल बासित के लिए भी यह बयान हैरान कर देने वाला था। सवाल यह है कि बतौर विदेश मंत्री क्या बिलावल को इस तरह के शब्दों का चयन करना चाहिए था या वह बेहतर तरीके से भी जयशंकर के सवालों का जवाब दे सकते थे। अब्दुल बासित का भी मानना है कि यह उचित नहीं था। कम से कम विदेश मंत्री, प्रधानमंत्री जैसे अहम पदों पर बैठे लोगों को इस तरह के निजी हमले नहीं करने चाहिए।' पाक विदेश मंत्रालय भी बयान से सहमत नहीं
कामरान यूसुफ ने आगे बताया, 'मैंने विदेश मंत्रालय से यह जानने की कोशिश की कि वे इस बयान को किस तरह देखते हैं। उनके विचार भी अब्दुल बासित से मिलते-जुलते थे। उन्होंने बताया कि विदेश मंत्रालय ने भी इस तरह के बयान सलाह नहीं दी थी। यह बयान किसी और के कहने पर, गुस्से में या तात्कालिक प्रतिक्रिया हो सकती है।' पाकिस्तान में कुछ लोगों ने बिलावल के बयान का समर्थन किया था तो वहीं कुछ इसके खिलाफ थे। इसी बहाने लोगों ने भुट्टो के विदेशी दौरे पर हुए खर्च को लेकर भी सवाल उठाए।