ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर जंग के बीच यूक्रेन में सेना भेजने के लिए तैयार हैं। स्टार्मर ने सोमवार को कहा कि वह शांति समझौते के तहत यूक्रेन को सुरक्षा की गारंटी के देने के लिए सेना भेजने को तैयार हैं।
डेली टेलीग्राफ से बात करते हुए उन्होंने कहा कि,
मैं यह बात हल्के में नहीं कह रहा हूं। मैं इसे गहराई समझता हूं कि, इसमें ब्रिटिश सैनिकों के लिए खतरे की आशंका भी है।
स्टार्मर का ये बयान सोमवार को पेरिस में यूरोपीय नेताओं के शिखर सम्मेलन से पहले आया।
जंग के समाधान पर आज रूस-अमेरिका में बातचीत संभव
यूक्रेन जंग के समाधान पर आज सऊदी अरब में रूस और अमेरिका के बीच हाई लेवल मीटिंग हो सकती है। इसके लिए अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो और रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव सोमवार को सऊदी पहुंचे।
कल रूस के राष्ट्रपति कार्यालय क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने दोनों देशों के नेताओं के बीच मीटिंग की पुष्टि की थी। रूस की तरफ से लावरोव के अलावा पुतिन के विदेश नीति सलाहकार यूरी उशाकोव इस मीटिंग में हिस्सा लेंगे।
दूसरी तरफ अमेरिकी डेलिगेशन में रुबियो के अलावा राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकर (NSA) माइकल वॉल्ट्ज और यूक्रेन और रूस के लिए वाशिंगटन के विशेष दूत विट कॉफ शामिल होंगे।
मैक्रों ने जंग पर ट्रम्प और जेलेंस्की से बात की
फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने सोमवार को यूक्रेन जंग के मसले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की से बात की।
दावा- मीटिंग में जेलेंस्की को नहीं बुलाया
यूक्रेन जंग पर शांति वार्ता के लिए यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की को नहीं बुलाया गया है। BBC न्यूज ने यूक्रेन सरकार के एक सीनियर अधिकारी के हवाल से इसकी पुष्टि की है। इससे पहले अमेरिका के विशेष दूत कीथ केलॉग ने यूक्रेन के शामिल होने की बात कही थी।
BBC के मुताबिक यूक्रेन को अभी तक वार्ता के लिए आमंत्रित नहीं किया गया है। यूरोपीय देशों के नेताओं को भी इस वार्ता में शामिल होने के लिए नहीं बुलाया गया है। वार्ता से यूरोप को बाहर रखने की आशंका के चलते फ्रांस के राष्ट्रपति ने सोमवार को शिखर सम्मेलन का आयोजन रखा था। इसमें यूरोपीय देशों के नेता शामिल हुए।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट करते हुए मैक्रों ने लिखा-
यूरोपीय नेताओं को एक साथ लाने के बाद, मैंने राष्ट्रपति ट्रम्प और फिर राष्ट्रपति जेलेंस्की से बात की। हम यूक्रेन में स्थायी शांति चाहते हैं। इसे हासिल करने के लिए, रूस को अपनी आक्रामकता समाप्त करनी होगी, और इसके साथ ही यूक्रेन के लिए विश्वसनीय सुरक्षा गारंटी सुनिश्चित करनी होगी। नहीं तो सीजफायर मिंस्क समझौतों की तरह ही नाकाम हो सकता है।