आईसीआईसीआई बैंक के नेतृत्व में 28 बैंकों और वित्तीय संस्थानों से कंपनी को ऋण सुविधा दी गई थी, जिसमें भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) द्वारा दिया गया 2,468.51 करोड़ रुपये का कर्ज शामिल है। लेखा परीक्षक सेवाप्रदाता ‘अर्न्स्ट एंड यंग' द्वारा फॉरेंसिक ऑडिट से पता चला है कि 2012 और 2017 के बीच आरोपियों ने एक-दूसरे के साथ मिलीभगत कर अवैध गतिविधियों को अंजाम दिया, जिसमें कोष का दुरुपयोग और आपराधिक विश्वासघात शामिल है। अधिकारियों ने बताया कि कर्ज की राशि का उपयोग उन उद्देश्यों के लिए नहीं किया गया, जिनके लिए उन्हें बैंकों द्वारा जारी किया गया था।