रायपुर
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ राज्य में अन्य पिछड़ा वर्ग के हितों के
संरक्षण के लिए सलाहकार परिषद् के गठन का बड़ा फैसला लिया है। राज्य में
अन्य पिछड़ा वर्ग सलाहकार परिषद् के गठन से इस वर्ग के लोगों के लिए
कार्यक्रम के संचालन के लिए अनुशंसा एवं क्रियान्वयन में मदद मिलेगी। अन्य
पिछड़ा वर्ग से संबंधित समस्याओं के निराकरण के लिए इस वर्ग के लोगों की
सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित होगी। इससे अन्य पिछड़ा वर्ग के लोगों की
समस्याओं के निदान में तेजी आएगी और जीवन स्तर में तेजी से सकारात्मक बदलाव
आएगा।
इस परिषद् के गठन से राज्य में अन्य पिछड़ा वर्ग के हित में संचालित योजनाओं एवं कार्यक्रमों के क्रियान्वयन के लिए बेहतर मॉनिटरिंग हो सकेगी। अन्य पिछड़ा वर्ग की बेहतरी के लिए नवीन योजनाओं एवं कार्यक्रमों के निर्माण में भी मदद मिलेगी। परिषद् में इस वर्ग के चुने हुए प्रतिनिधि सदस्य समाज की स्थिति एवं समस्याओं के निराकरण में सहभागी बनेंगे। इससे अन्य पिछड़ा वर्ग के कल्याणकारी कार्यक्रमों के संचालन में आसानी होगी।
यहां यह उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ राज्य में अनुसूचित जनजाति से संबंधित विषयक पर अनुशंसा के लिए छत्तीसगढ़ अनुसूचित जनजाति सलाहकार परिषद का गठन पूर्व में ही हो चुका है। इसी तर्ज पर छत्तीसगढ़ में अन्य पिछड़ा वर्ग सलाहकार परिषद का गठन किए जाने प्रक्रिया मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के मंशानुरूप शुरू कर दी गई है। इस परिषद् में वर्ग विशेष की समस्या, आवश्यकता पर विचार किया जाएगा। वहीं अन्य पिछड़ा वर्ग के कल्याण संबंधी निर्णय लिए जाएंगे।
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री इसके अध्यक्ष होंगे तथा भारसाधक मंत्री उपाध्यक्ष होंगे। परिषद में कुल 40 सदस्य होंगे, जिसमें राज्य विधान सभा में अन्य पिछड़ा वर्ग के निर्वाचित कम-से-कम 10 निर्वाचित सदस्य होगे तथा शेष सदस्य राज्य शासन द्वारा मनोनीत होंगे।