पुष्प कमल दहल उर्फ प्रचंड नेपाल के नए प्रधानमंत्री बन गए हैं। राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी ने उन्हें सोमवार को शपथ दिलाई। उन्होंने 25 दिसंबर को प्रचंड की नियुक्ति की घोषणा की थी। वो तीसरी बार नेपाल के प्रधानमंत्री बने हैं। पहली बार वे 2008 से 2009 और दूसरी बार 2016 से 2017 में प्रधानमंत्री बने थे।
प्रचंड ने पूर्व प्रधानमंत्री और चीन के करीबी माने जाने वाले कम्युनिस्ट नेता केपी शर्मा ओली समेत 5 अन्य गठबंधन पार्टियों के साथ मिलकर सरकार बनाई है। इनके बीच एक समझौता हुआ है। इसके तहत शुरुआती ढाई साल तक प्रचंड PM रहेंगे। इसके बाद CPN-UML सत्ता संभालेगी। इसके मायने ये हुए कि पूर्व PM केपी शर्मा ओली एक बार फिर प्रधानमंत्री बनेंगे।
अब तक नेपाल में जब भी सरकार बनी तो प्रधानमंत्री का पहला विदेशी दौरा भारत का रहा है। लेकिन 2008 में राजशाही खत्म होने के बाद जब प्रचंड PM बने तो सीधे चीन पहुंच गए थे। हालांकि इस बार सरकार बनने से 5 महीने पहले जुलाई में वे भारत आए थे। उन्होंने भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से वो नहीं मिल पाए।
भारत और चीन ने बधाई दी
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पुष्प कमल दहल उर्फ प्रचंड को प्रधानमंत्री बनने पर बधाई दी। PM मोदी ने ट्वीट किया- भारत और नेपाल के बीच अद्वितीय संबंध हैं। गहरा सांस्कृतिक जुड़ाव है। दोनों देशों के रिश्ते लोगों के बीच गर्मजोशी भरे संबंधों पर आधारित है। मैं इस दोस्ती को और मजबूत करने के लिए आपके साथ मिलकर काम करने की आशा करता हूं।
नेपाल में चीनी दूतावास ने अंग्रेजी और नेपाली भाषा में ट्वीट किया। लिखा- नेपाल के 44वें प्रधानमंत्री बनने पर प्रचंड को बधाई। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने भी उन्हें बधाई दी।
पहली बार सत्ता मिलने के पीछे भारत का अहम योगदान
भारत की जगह चीन के दौरे पर पहुंच गए