54 बच्चे और 6 पत्नियों वाले पाकिस्तान के अब्दुल मजीद की बुधवार को हार्ट अटैक से मौत हो गई। नोशकी जिले में रहने वाले 75 साल के अब्दुल ट्रक ड्राइवर थे। उनके बेटे शाह वली ने बताया कि अब्दुल मौत से 5 दिन पहले तक ट्रक चला रहे थे। वली ने कहा- हम में से कई पढ़े-लिखे हैं, लेकिन रोजगार नहीं मिला। इसलिए हम पिता का ठीक से इलाज भी नहीं करा सके। बाढ़ में घर भी तबाह हो गया था।
जिंदगी भर ट्रक चलाने वाले अब्दुल हर महीने 15 हजार से 25 हजार पाकिस्तानी रुपए ही कमा पाते थे। उनके सबसे बड़े बेटे अब्दुल वली 37 साल के हैं और पिता की तरह ट्रक चलाते हैं।
2 पत्नियों और 12 बच्चों की हो गई मौत
अब्दुल 2017 में हुई जनगणना के दौरान चर्चा में आए थे। तब पाकिस्तान में 19 साल बाद जनसंख्या गणना हुई थी। जनगणना करने गई टीम ने देखा था कि अब्दुल अपनी 4 पत्नियों और 42 बच्चों के साथ रह रहे थे। वहीं उनकी 2 पत्नियों और 12 बच्चों की पहले ही मौत हो गई थी।
उनकी पहली शादी 18 साल में हुई थी। उनके 22 बेटे और 20 बेटियां उनके सात कमरों के घर में एक साथ रहते थे। वे बारी-बारी से बच्चों से मिलते थे और पारिवारिक कार्यक्रमों में भाग लेते थे। उनके ज्यादातर बच्चों की उम्र 15 साल से कम है। उनकी सबसे छोटी बेटी 7 साल की है।
दूध ना होने की वजह से हुई बच्चों की मौत
2017 में एक इंटरव्यू के दौरान उन्होंने कहा था- मेरे पास पैसे नहीं थे। इसलिए कई बच्चों को दूध नहीं मिल पाया। इस वजह से उनकी मौत हो गई। पहले बहुत मेहनत करता था और अपने बड़े बेटों को अच्छी शिक्षा दी। लेकिन अब बूढ़ा हो गया हूं तो उतना काम नहीं कर पा रहा हूं।
अब्दुल की एक पत्नी और बच्चे की मौत साथ हुई थी। उन्होंने बताया- पत्नी बीमार थी और पैसे की तंगी के चलते उसका इलाज नहीं करा पाया। दस बच्चे स्कूल नहीं जा पाए, क्योंकि फीस के लिए पैसे नहीं थे।
अब्दुल के बारे में पता चलने से पहले क्वेटा के जन मुहम्मद खिलजी को सबसे ज्यादा बच्चों का पिता माना जाता था। उनके 36 बच्चे थे।