इटली में 'ब्रदर्स ऑफ इटली' की नेता जियोर्जिया मेलोनी ने आम चुनाव में
जीत का दावा किया है। इटली को पहली महिला प्रधानमंत्री मिलने जा रही है।
तानाशाह बेनिटो मुसोलिनी के बाद एक बार फिर इटली में धुर-दक्षिणपंथी सरकार
बनने जा रही है। जियोर्जिया मेलोनी मुसोलिनी की प्रशंसक हैं और कई बार
सार्वजनिक मंचों पर भी तारीफ कर चुकी हैं। रुझानों में अच्छी बढ़त के बाद
मेलोनी ने कहा 'यह रात हमारे लिए गर्व और पाप से मुक्ति की रात है।'
उन्होंने कहा, 'यह जीत मैं उन लोगों को भी समर्पित करना चाहती हूं जो कि हमारे साथ आज नहीं हैं। कल से हम अपनी कीमत दिखा सकेंगे। इटली की जनता ने हमपर भरोसा किया है और हम उनके साथ कभी धोखा नहीं होने देंगे।' बता दें कि आम चुनाव में 'ब्रदर्श ऑफ इटली' के साथ माटेओ साल्विनी के नेतृत्व वाली द लीग और सिल्वियो बर्लुस्कोनी की फोर्जा इटालिया पार्टी भी है।
क्यों लोकप्रिय हुईं मेलोनी?
पिछली बार 2018 के आम चुनाव में भी मेलोनी की पार्टी को 4.5 फीसदी वोट
हासिल हुए थे। 45 वर्षीय मेलोनी ने अपना चुनाव प्रचार 'गॉड, कंट्री ऐंड
फैमिली फैमिली' के नारे के साथ कर रही थीं। मेलोनी की पार्टी का अजेंडा
यूरोसंशयवाद और अप्रवास विरोधी है। इसके अलावा उनकी पार्टी ने LGBTQ और
गर्भपात के अधिकारों में कमी करने का भी प्रस्ताव रखा था। 2018 के बाद
मेलोनी की लोकप्रियता तेजी से बढ़ी। वहीं मेलोनी के सहयोगी साल्विनी और
सिल्वियो बर्लुस्कोनी भी उनकी लोकप्रियता के लिए जिम्मेदार हैं। 2008 में
जब बर्लुस्कोनी प्रधानमंत्री थे तब उन्होंने मेलोनी को खेल मंत्री बनाया
था।
कौन था मुसोलिनी?
बेनिटो मुसोलिनी को इटली का सबसे तानाशाह शासक माना जाता है। उसने ही
फासीवाद की शुरुआत की थी और अपने खिलाफ बोलने वाले लाखों लोगों को मरवा
दिया था। 1922 सै 1943 के बीच 20 साल तक उसने इटली में शासन किया। मुसोलिनी
पहले शिक्षक था। इसके बाद वह मजदूर बना। फिर स्विटजरलैंड में पत्रकारिता
करने चला गया। वापस लौटकर वह निरंकुश तानाशाह बन गया। दूसरे विश्वयुद्ध के
दौरान उसने हिटलर का साथ दिया था। 1943 में मुसोलिनी को इस्तीफ देना पड़ा।
उसे गिरफ्तार कर लिया गया। हालांकि बताया जाता है कि उसके दोस्त हिटलर ने
उसे छुड़ा लिया था। विद्रोहियों ने मुसोलिनी और उसकी गर्लफ्रेंड क्लोरेटा
की गोली मारकर हत्या कर दी थी।