लाहौर : पाकिस्तान के अपदस्थ प्रधानमंत्री इमरान खान पिछले साल से कई बार भारत की तारीफ कर चुके हैं। वह अपने जलसों में खुले मंच से भारत की स्वतंत्र विदेशी नीति की मिसाल दे चुके हैं। वर्तमान में वह पाकिस्तान के पूर्व सेना प्रमुख पर लगातार निशाना साध रहे हैं। इमरान खान ने दावा किया है कि पूर्व सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा चाहते थे कि वह यूक्रेन पर आक्रमण के लिए रूस की निंदा करें। लेकिन उन्होंने भारत का उदाहरण देते हुए ऐसा करने से इनकार कर दिया।
खान ने सोमवार को छात्रों और धार्मिक विद्वानों से बातचीत के दौरान कहा, 'एक साल पहले प्रधानमंत्री रहते हुए, रूस की यात्रा से लौटने पर जनरल बाजवा ने मुझसे यूक्रेन पर रूस के हमले की निंदा करने को कहा था। मैंने उनसे कहा कि अमेरिका का रणनीतिक सहयोगी भारत तटस्थ रहा है। इसलिए पाकिस्तान को भी तटस्थ रहना चाहिए।' पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के प्रमुख खान ने कहा कि उनके इनकार करने के बाद जनरल बाजवा ने अमेरिका को खुश करने के लिए एक सुरक्षा सेमिनार में खुद रूस की निंदा कर दी।
'मैंने रूस को मना लिया था लेकिन...'
पिछले साल अप्रैल में अविश्वास प्रस्ताव के जरिए सत्ता से बेदखल किए गए 70 वर्षीय खान ने अपनी रूस यात्रा को सही ठहराते हुए कहा, 'मैं रूस गया और राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को पाकिस्तान को भारत के मुकाबले सस्ती दरों पर गेहूं और ईंधन देने के लिए मना लिया। रूस के समर्थन से, भारत ने अपनी मुद्रास्फीति को 7.5 प्रतिशत से घटाकर 5.5 प्रतिशत कर दिया, लेकिन पाकिस्तान की मुद्रास्फीति की दर 12 प्रतिशत से बढ़कर 30 प्रतिशत हो गई।'
'मैंने पाकिस्तान के हितों को ऊपर रखा'
खान ने कहा कि बाजवा चाहते थे कि वह अमेरिका को खुश करने के लिए पुतिन की निंदा करें। उन्होंने कहा, 'लेकिन मैंने पाकिस्तान के हितों को ऊपर रखा।' इमरान खान का आरोप है कि रूस के साथ संबंध मजबूत करने के लिए अमेरिका ने उन्हें सत्ता से बेदखल करने की साजिश रची। वह शहबाज सरकार को 'आयातित सरकार' करार देते हैं जो अमेरिका के सहयोग से बनी है।