नई दिल्ली: देश की प्रमुख सरकारी दूरसंचार कंपनी एमटीएनएल संकट में फंसती नजर आ रही है। इस कंपनी पर सरकारी बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) का 326 करोड़ रुपया बकाया है। इसमें से 281.62 करोड़ रुपये ओवरड्यू थे। कंपनी बैंक को जून से लोन की किस्त नहीं दे पा रही थी। इसके बाद बैंक ने एमटीएनएल के अकाउंट को नॉन-परफॉर्मिंग एसेट (NPA) घोषित कर दिया है। बैंक ने एमटीएनएल से कहा है कि वह तत्काल लोन की बकाया रकम जमा करे।बैंक ने दी कानूनी कार्रवाई की चेतावनी
लोन के भुगतान को लेकर बैंक ने एमटीएनएल को एक लेटर लिखा है। इसमें कहा गया है कि कंपनी ने जो लोन लिया था, उसकी किस्त और ब्याज 30 जून 2024 को ओवरड्यू हो गई थी। इसे निकले 90 दिनों से ज्यादा का समय हो गया है। अभी तक कंपनी ने लोन की किस्त का पेमेंट नहीं किया है। ऐसे में 28 सितंबर से कंपनी के लोन अकाउंट को NPA कैटेगरी में डाउनग्रेड कर दिया गया है।
एसबीआई ने एमटीएनएल ने कहा है कि वह लोन का पेमेंट तुरंत करे। बैंक ने कहा है कि अगर कंपनी पेमेंट करने में देरी करती है तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा सकती है।
बैंक ने मांगी संपत्ति की जानकारी
बैंक ने सरकार द्वारा एमटीएनएल के बकाया चुकाने की गारंटी की स्थिति के बारे में भी जानकारी मांगी है। इसके अलावा एसबीआई ने एमटीएनएल द्वारा की जा रही संपत्ति मुद्रीकरण परियोजनाओं का विवरण भी मांगा है। इसमें दिल्ली में 13.88 एकड़ जमीन को आवासीय और व्यावसायिक उपयोग के लिए विकसित करने के लिए एनबीसीसी के साथ किए गए समझौते का विवरण शामिल है।
एमटीएनएल पर भारी भरकम कर्ज
एमटीएनएल पर 30 अगस्त 2024 तक करीब 32 हजार करोड़ रुपये का कुल कर्ज था। कंपनी ने स्टॉक एक्सचेंज को बताया था कि वह अगस्त में करीब 422 करोड़ रुपये का लोन पेमेंट करने में असफल रही है। इसमें कई बैंकों की लोन की रकम शामिल है। लोन की रकम चुकाने के लिए कंपनी मुंबई और दिल्ली में अपनी 150 से ज्यादा प्रॉपर्टी बचेने की प्लानिंग बना रही है। एसबीआई के अलावा अब दूसरे बैंक भी कंपनी के खिलाफ कड़ा एक्शन ले सकते हैं।