जकार्ता
अफ्रीकी देश गाम्बिया में भारत का एक कफ सिरप पीने से हुई 69 बच्चों की
मौत के बाद अब इंडोनेशिया ने सभी कफ सिरप दवाओं की बिक्री पर रोक लगा दी
है. इंडोनेशिया के अनुसार कुछ सिरप में ऐसे तत्व पाए गए हैं जो एक्यूट
किडनी इंजरी (AKI) के लिए जिम्मेदार होते हैं. इन तत्वों की वजह से
इंडोनेशिया में अब इस वर्ष 99 छोटे बच्चों ने दम तोड़ दिया है. हालांकि अभी
तक यह स्पष्ट नहीं है कि दवा आयात की गई थी या स्थानीय रूप से उत्पादित की
गई थी.
इंडोनेशिया में AKI के 200 मामले सामने आए
इंडोनेशियाई स्वास्थ्य अधिकारियों ने गुरुवार को बताया कि उन्होंने बच्चों
में एकेआई के लगभग 200 मामले दर्ज किए हैं, जिनमें से अधिकांश पांच साल से
कम उम्र के थे. यह अलर्ट इसलिए भी अहम है क्योंकि इस महीने की शुरुआत में,
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने चार कफ सिरप पर वैश्विक अलर्ट जारी
किया था जो गाम्बिया में 69 बच्चों की मौत से जुड़े थे. इंडोनेशिया के
स्वास्थ्य मंत्री के अनुसार स्थानीय रूप से इस्तेमाल की जाने वाली कुछ
दवाओं में भी यही रासायनिक यौगिक पाए गए हैं.
हरियाणा सरकार ने रोका फैक्ट्री का प्रोडक्शन
इस मसले पर भारत की ओर से कहा गया है कि इम्पोर्ट करने वाला देश आमतौर पर
दवाई को बाजार में भेजने से पहले उसकी जांच करता ही है. इधर, हरियाणा औषधि
नियंत्रक और केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन ने मिलकर मामले की जांच
शुरू कर दी है. उन्होंने जांच में पाया कि मेडेन फार्मा ने दवा बनाते समय
कुछ आवश्यक कदम नहीं उठाए. साथ ही, ऐसी चीजें इस्तेमाल कीं, जिनकी
एक्सपायरी डेट निकल चुकी थी.
हरियाणा सरकार ने कंपनी की सोनीपत फैक्ट्री में उत्पादन रोक दिया है. भारत सरकार ने विश्व स्वास्थ्य संगठन से दस्तावेज भेजने के लिए कहा है जो ये स्थापित कर सके कि इन मौतों का संबंध सिरप से है. इन दस्तावेजों की समीक्षा के लिए चार सदस्यीय समिति का गठन भी किया गया है.