'भारत इस फैसले से बहुत नाराज होगा'
जापान की योजना है कि वह जी-7 देशों की बैठक में भारत को भी आमंत्रित करे। अमेरिका के हडसन इंस्टीट्यूट में जापानी मामलों के विशेषज्ञ डॉक्टर सतोरू नगाओ ने जापानी विदेश मंत्री के भारत नहीं जाने के फैसले की कड़ी आलोचना की है। सतोरू ने कहा, 'अगर जापानी विदेश मंत्री जी-20 देशों की बैठक में नहीं शामिल होते हैं तो भारत इस फैसले से बहुत नाराज होगा। इसकी वजह यह है कि भारत जी-20 बैठक को लेकर अपने प्रयासों पर पूरा फोकस किए हुए है। यह भारत के साथ जापान के रिश्तों को बाद में प्रभावित करेगा। विदेश मंत्री हयाशी को निश्चित रूप से जाना चाहिए।'
इससे पहले जापान के सांसदों ने भी जापानी विदेश मंत्री के इस फैसले की कड़ी आलोचना की थी। उन्होंने कहा था कि जापान जी-7 देशों की बैठक से एक बड़ा मौका खो देगा। इससे पहले भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे के साथ अपनी दोस्ती को निभाते हुए उनके अंतिम संस्कार में शामिल होने गए थे। ऐसे समय पर जब चीन भारत और जापान दोनों के लिए सबसे बड़ा खतरा बन गया है, जापानी विदेश मंत्री के फैसले को बहुत हैरानी से देखा जा रहा है। चीन ने से निपटने के लिए हाल ही में भारत ने जापान के साथ पहला सैन्य अभ्यास किया था। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक भारत के अधिकारियों ने साफ कह दिया था कि अगर जापानी विदेश मंत्री नहीं आते हैं तो इसका रिश्तों पर बहुत नकारात्मक असर पड़ेगा।