नई दिल्ली: चीन को पछाड़कर भारत दुनिया का सबसे बड़ा दोपहिया वाहन बाजार बन गया है। शुक्रवार को जारी एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है। ग्रामीण क्षेत्रों में बढ़ती मांग, अनुकूल मॉनसून की स्थिति और ग्रामीण विकास के लिए सरकार की पहल जैसे कारकों की वजह से भारत सबसे बड़ा दोपहिया बाजार बन कर उभरा है। काउंटरपॉइंट रिसर्च के अनुसार, वैश्विक स्तर पर 2024 की पहली छमाही में दोपहिया वाहनों की बिक्री में सालाना आधार पर 4 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज हुई है।
चीन का बाजार
भारत में इस वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में सालाना आधार पर दोपहिया वाहनों में मजबूत दोहरे अंक की वृद्धि दर्ज हुई। वहीं, चीन में 125 सीसी से कम क्षमता वाले दोपहिया वाहन लोकप्रिय बने हुए हैं, लेकिन ग्राहक रोजाना इस्तेमाल के लिए मोटरसाइकिल और स्कूटर की जगह ई-साइकिल का विकल्प चुन रहे हैं। इस बदलाव के कारण चीनी दोपहिया वाहन बाजार में, खास तौर पर इलेक्ट्रिक सेगमेंट में अस्थायी मंदी आई हुई है।
दक्षिण पूर्व एशिया में, इंडोनेशिया, वियतनाम, फिलीपींस, थाईलैंड और मलेशिया जैसे प्रमुख बाजारों में भू-राजनीतिक व्यापार तनाव और कठोर ऋण मानदंड दोपहिया वाहनों की बिक्री में गिरावट की वजह बने हैं। इसके अलावा, आर्थिक अनिश्चितता के बीच ग्राहकों के सतर्क रवैये ने दोपहिया वाहनों की बिक्री को प्रभावित किया है।
कौन है टॉप कंपनी
टॉप 10 वैश्विक दोपहिया वाहन निर्माताओं ने 2024 की पहली छमाही के दौरान 75 प्रतिशत से अधिक बिक्री की। होंडा ने वैश्विक दोपहिया वाहन बाजार का अगुवा बना हुआ है, जिसके बाद हीरो मोटोकॉर्प, यामाहा, टीवीएस मोटर और याडिया का स्थान रहा। टॉप 10 ब्रांड में टीवीएस मोटर सालाना आधार पर 25 प्रतिशत वृद्धि के साथ सबसे तेजी से बढ़ने वाला ब्रांड रहा। वहीं, याडिया में सालाना आधार पर 29 प्रतिशत की गिरावट के साथ सबसे अधिक गिरावट आई और कंपनी पांचवें स्थान पर खिसक गई।
रिसर्च के उपाध्यक्ष नील शाह ने कहा कि विद्युतीकरण बढ़ रहा है और हमारा अनुमान है कि 2030 तक बिकने वाले 10 में से 4 दोपहिया वाहन इलेक्ट्रिक होंगे। उन्होंने कहा, 'दोपहिया वाहन सेगमेंट में एम्बेडेड सेलुलर कनेक्टिविटी को अपनाने में भी तेजी दिख रही है। जैसे-जैसे ऑटोमोटिव इंडस्ट्री सी-वी2एक्स टेक्नोलॉजी की ओर आगे बढ़ेगी, दोपहिया वाहन सेगमेंट भी उसी राह पर आगे बढ़ेगा।'