सिंहस्थ 2016 में इस मार्ग पर 49 किलोमीटर का निर्माण होने की वजह से परिवहन आसान हुआ है। इस मार्ग पर टोल वसूली का ठेका पहले श्री महाकालेश्वर टोलवेज प्राइवेट लिमिटेड के पास था। लेकिन कुछ महीनों से एमपीआरडीसी के कर्मचारी यह काम कर रहे हैं।
एमपीआरडीसी के कर्मचारी ये काम इसलिए संभाल रहे हैं क्योंकि टोलवेज कंपनी अनुबंध की शर्तों का पालन करने में नाकामयाब रही। जिसकी वजह से यह व्यवस्था उनके हाथों से ले ली गई। उज्जैन से जाने वाले मार्ग में निनोरा की तरफ और जाने वाले मार्ग में बारोली की तरफ टोल नाका पड़ता है, जहां नई दरें लागू कर दी गई है।
इंदौर में एयरपोर्ट है, इस वजह से बाहर से आने वाले श्रद्धालु फ्लाइट से इंदौर पहुंच कर उज्जैन तक का सफर इसी मार्ग से तय करते हैं। रोज लगभग 15000 वाहन इस मार्ग से गुजरते होंगे। टोल टैक्स बढ़ जाने की वजह से अब यात्रियों की जेब पर भार बढ़ जाएगा।
इस फोरलेन पर टोल की वसूली का काम फिर से निजी हाथों में देने के लिए टेंडर लागू कर दिए गए हैं। जो कंपनी यह काम संभालना चाहती है उसे निर्धारित राशि का भुगतान करना होगा। इस राशि को हर सप्ताह प्रीमियम के रूप में जमा किया जा सकता है। इस मार्ग का मेंटेनेंस एमपीआरडीसी के हाथों में होगा। टेंडर पास होने के बाद शायद अक्टूबर से एक बार फिर निजी कंपनी के कर्मचारी टोल टैक्स वसूलते दिखाई दें।