इस्लामाबाद : पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ गुरुवार को तुर्की पहुंचे। हाल ही में आए भयानक भूकंप से तुर्की में 38 हजार से ज्यादा लोगों की जान चली गई है। संकटग्रस्त मुल्क फिलहाल राहत और बचाव कार्यों में लगा हुआ है। इस बीच शहबाज शरीफ ने गुरुवार को तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैयप एर्दोगन से मुलाकात की और भूकंप से हुए नुकसान और जान गंवाने वालों के प्रति पाकिस्तान की तरफ से संवेदनाएं व्यक्त कीं। एक हफ्ता पहले अंकारा ने शहबाज की यात्रा रद्द कर दी थी। लेकिन भारी तबाही के बीच पाक पीएम के स्वागत के पीछे तुर्की एक 'पुराना लालच' छिपा हुआ है।एर्दोगन से मिलने के बाद शहबाज शरीफ ने कहा, 'मैंने उन्हें तुर्की के लिए हमारे दृढ़ समर्थन का आश्वासन दिया है। मुझे भरोसा है कि एर्दोगन के नेतृत्व में तुर्की इस आपदा से मजबूती से बाहर आएगा।' शहबाज दो दिवसीय यात्रा पर तुर्की आए हैं। एक हफ्ता पहले अंकारा ने शहबाज की यात्रा यह कहते हुए रद्द कर दी थी कि वह 'इस वक्त भूकंप राहत और बचाव कार्य में व्यस्त है'। इस भारी फजीहत के बाद भी शहबाज तुर्की पहुंचे हैं। गत 8 फरवरी को शहबाज शरीफ, पाकिस्तानी के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो और अन्य अधिकारियों को तुर्की जाना था। पाकिस्तान से दोस्ती में छिपा है 'लालच'
पाकिस्तान और तुर्की पुराने दोस्त हैं। अंतरराष्ट्रीय मंचों पर जब-जब पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ जहर उगला है, उसे तुर्की का समर्थन मिला है। पाकिस्तान में सत्ता के शीर्ष पर चाहें इमरान हों या शहबाज, तुर्की से उनकी 'पक्की दोस्ती' रही है। लेकिन इस दोस्ती के पीछे अंकारा का एक बड़ा लालच छिपा हुआ है। साल 2021 में ही विशेषज्ञों ने चेतावनी दे दी थी कि पाकिस्तान तुर्की को परमाणु बम और मिसाइल बनाने की तकनीक दे रहा है। पश्चिमी देशों के सैन्य गठबंधन नाटो में शामिल तुर्की लंबे समय से पाकिस्तान के साथ मिलकर परमाणु हथियार हासिल करना चाहता है।
एर्दोगन का सपना भारत के लिए 'खतरनाक'
अंतरराष्ट्रीय मामलों के जानकार प्रोफेसर जॉन नोमिकोस ने 2021 में चेतावनी दी थी कि तुर्की और पाकिस्तान की दोस्ती ग्रीस और भारत के लिए 'बड़ा खतरा बन सकती है'। उन्होंने अमेरिका से अपील की थी कि वह तुर्की को 'परमाणु हथियार संपन्न' देश बनने से रोकें। न्यूज एजेंसी आईएएनएस की एक रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान और तुर्की के बीच परमाणु हथियार और मिसाइल बनाने को लेकर एक गुप्त समझौता हुआ था। परमाणु हथियारों के लालच में तुर्की के राष्ट्रपति पाकिस्तान के साथ दोस्ती बढ़ा रहे हैं कि ताकि अरब जगत में वह सऊदी अरब से बड़ी 'ताकत' बन सकें।जनता को छोड़ 'कंगाल पीएम' का आवभगत
एर्दोगन का परमाणु हथियार पाने का सपना बहुत पुराना है। सितंबर 2019 में उन्होंने कहा था, 'दुनिया में कई देशों के पास परमाणु हथियार हैं। लेकिन वे कहते हैं कि हम इसे नहीं रख सकते। मैं इसे नहीं मानता। सभी विकसित देशों के पास परमाणु हथियार हैं।' हालांकि जर्मनी और जापान जैसे विकसित देश परमाणु हथियार नहीं रखते हैं। लंबे समय से एर्दोगन अपने इस सपने को पूरा करने में लगे हैं। परमाणु हथियारों के प्रति उनके लालच ने देश को गंभीर आर्थिक संकट में डाल दिया है। हालिया भूकंप ने तुर्की में भारी तबाही मचाई है। लेकिन दर्द से कराह रही जनता के जख्मों पर मरहम लगाने के बजाय एर्दोगन एक कंगाल मुल्क के प्रधानमंत्री के आवभगत में लगे हुए हैं।
जनता को छोड़ 'कंगाल पीएम' का आवभगत
एर्दोगन का परमाणु हथियार पाने का सपना बहुत पुराना है। सितंबर 2019 में उन्होंने कहा था, 'दुनिया में कई देशों के पास परमाणु हथियार हैं। लेकिन वे कहते हैं कि हम इसे नहीं रख सकते। मैं इसे नहीं मानता। सभी विकसित देशों के पास परमाणु हथियार हैं।' हालांकि जर्मनी और जापान जैसे विकसित देश परमाणु हथियार नहीं रखते हैं। लंबे समय से एर्दोगन अपने इस सपने को पूरा करने में लगे हैं। परमाणु हथियारों के प्रति उनके लालच ने देश को गंभीर आर्थिक संकट में डाल दिया है। हालिया भूकंप ने तुर्की में भारी तबाही मचाई है। लेकिन दर्द से कराह रही जनता के जख्मों पर मरहम लगाने के बजाय एर्दोगन एक कंगाल मुल्क के प्रधानमंत्री के आवभगत में लगे हुए हैं।