सूत्रों के अनुसार, आतंकी अब्दुल वाहिद जिला किश्तवाड़ और उसके आसपास के क्षेत्रों में पांच मदरसों में बच्चों को लेक्चर देने जाता था और वहां पर बच्चों को भड़काकर आतंक की राह पर चलने के लिए तैयार करता था. वह नए युवाओं को अपने नेटवर्क में जोड़ने के लिए बच्चों के मन में जहर भर रहा था.
सूत्रों का कहना है कि आतंकी किश्तवाड़, केशवान, चरागी, डूल, पडायरन स्थित मदरसों में हर सप्ताह के हिसाब से बच्चों को लेक्चर देने जाया करता था और इस दौरान वहां मौजूद सेना और पुलिस के कैंपों और उनकी हर एक एक्टिविटी की तस्वीर व वीडियो बनाकर सोशल मीडिया के जरिये सीमा पार आईएसआई के एजेंटों को भेजता था.
3 सितंबर को सेना की खुफिया टीम ने इस आतंकी को गिरफ्तार कर लिया. एजेंसी की पूछताछ में इसने कबूला की सीमा पार आतंकी संगठन के कमांडर उमर तयाब के जरिए उसे मोटी रकम मिलती थी. जब उससे पूछा गया कि वह कैसे संपर्क में रहता था तो उसने बताया कि वे हमेशा सोशल मीडिया के जरिए सीमा पार आतंकी संगठन आईएसआई के अधिकारियों द्वारा संपर्क में था.
मौलवी निसार अहमद, जोकि मदरसा सचांलक हैं, उन्होंने बताया कि ‘वे अक्सर हमारे मदरसों में बच्चो को पढ़ाने आता था, लेकिन वह क्या गलत काम करता था वो हमें नही मालूम है. पुलिस ने इसे पकड़ लिया है अगर ये गलत किसी साजिश मे शामिल है तो इसको सजा मिलनी चाहिए. हम इसके खिलाफ है.’