पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने कहा है कि जैश-ए-मोहम्मद का सरगना मसूद अजहर अफगानिस्तान में ही है। तालिबान द्वारा अफगानिस्तान में उसकी मौजूदगी से इनकार करने के कुछ दिनों बाद पाकिस्तानी विदेश मंत्री का यह बयान सामने आया है। बिलावल भुट्टो जरदारी ने कहा कि मसूद अजहर का मुद्दा केवल भारत और पाकिस्तान के बीच नहीं रह गया है। उन्होंने कहा कि वह भारत, पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच एक त्रिपक्षीय मुद्दा बन गया है।
बुधवार को तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्ला मुजाहिद ने देश में मसूद अजहर की मौजूदगी के बारे में खारिज करते हुए कहा कि ऐसे आतंकवादी संगठन पाकिस्तान की धरती पर हैं। यहां तक कि वे आधिकारिक संरक्षण में भी काम कर सकते हैं। आपको बता दें कि पाकिस्तान ने तालिबान सरकार को पत्र भेजकर मसूद अजहर को इस्लामाबाद को सौंपने की मांग की थी।
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के एक शीर्ष अधिकारी के हवाले से बताया, "हमने अफगानिस्तान के विदेश मंत्रालय को एक पेज का पत्र लिखा है, जिसमें उन्हें मसूद अजहर का पता लगाने, रिपोर्ट करने और गिरफ्तार करने के लिए कहा गया है। हमारा मानना है कि वह अफगानिस्तान में ही कहीं छिपा है।" मुजाहिद ने पाकिस्तान के दावे का खंडन करते हुए कहा था कि इस्लामाबाद द्वारा अफगानिस्तान के सामने ऐसी कोई मांग पेश नहीं की गई थी।
उन्होंने कहा, “जैश-ए-मोहम्मद का सरगना अफगानिस्तान में नहीं है। ऐसे संगठन पाकिस्तान की धरती पर ही हैं। यहां तक कि आधिकारिक संरक्षण में भी काम कर सकते हैं। हम किसी को भी किसी दूसरे देश के खिलाफ अफगानिस्तान की धरती का इस्तेमाल करने की इजाजत नहीं देंगे।''
मसूद अजहर एक विश्व स्तरीय घोषित आतंकवादी है। उसने आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद की स्थापना की थी। वह भारत में कई आतंकी हमलों की पटकथा लिखने के लिए जिम्मेदार है।