कोलकाता
तृणमूल कांग्रेस में भ्रष्टाचार की बात कहने पर तनाव शुरू हो गया है।
पार्टी के सांसद सौगत रॉय ने राज्यसभा सांसद जवाहर सरकार के खिलाफ
अनुशासनात्मक कार्रवाई की मांग कर दी है। उन्होंने रॉय को 'स्वार्थी' भी
बता दिया है। खबर है कि पूर्व IAS अधिकारी सरकार ने टीएमसी के अन्य नेताओं
के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप लगने पर पार्टी छोड़ने की बातें कही थीं।
रॉय ने कहा, 'हमारी पार्टी तय करेगी कि उनके साथ क्या करना है, लेकिन
मेरा कहना है कि उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई होनी चाहिए।' उन्होंने
कहा, 'अगर उन्हें इतनी ही शर्म आती है, तो वह क्यों राज्यसभा के सदस्य बने
हुए हैं? उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए। वह पार्टी छोड़ने के लिए आजाद हैं।
सरकार जैसे लोगों का हमारी पार्टी के लंबे संघर्ष या हालिया चुनाव में
हमारी जीत में कोई योगदान नहीं है। उनके जाने से टीएमसी को फर्क नहीं
पड़ेगा।'
सोमवार को सरकार ने कहा था, 'मैं इतना पैसा बरामद होते देख हैरान था। मैं
मध्यम वर्गीय परिवार मं पैदा हुआ हूं। मेरे कुछ दोस्त यह कहते हुए मजाक
उड़ाते हैं कि अगर मैं अभी भी टीएमसी में हूं तो वह इसलिए क्योंकि मुझे भी
कुछ मिला होगा। मेरे पूरे करियर में मैंने ऐसी शर्मिंदगी का सामना नहीं
किया।' वह बंगाल के पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी और उनकी करीबी अर्पिता
मुखर्जी के मामले के बारे में बात कर रहे थे।
उन्होंने कहा, 'हर जगह लोग इसके बारे में बात कर रहे हैं। मेरे परिवार ने तत्काल मुझे राजनीति छोड़ने के लिए कह दिया।' उन्होंने पार्टी के एक हिस्से को सड़ा हुआ बताया था। साथ ही यह भी कहा था कि अगर चीजें नहीं बदली तो पार्टी 2024 में लोकसभा चुनाव नहीं जीत पाएगी। करीब 42 सालों तक सेवा में रहे सरकार को केंद्र में भारतीय जनता पार्टी का बड़ा आलोचक माना जाता है।
हालांकि, अभी तक पार्टी ने सरकार को लेकर आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा है। पार्टी के प्रदेश महासचिव कुणाल घोष ने कहा, 'मैं सरकार की टिप्पणियों पर कुछ नहीं कहूंगा। हालांकि, यह सभी जानते हैं कि उनकी तरफ से उठाए गए मुद्दों को ममता बनर्जी और अभिषेक बनर्जी पहले ही देख रहे हैं।'