मुख्यमंत्री भूपेश बघेल आज भेंट मुलाकात के दौरान गुंडरदेही विधानसभा
क्षेत्र के ग्राम बेलौदी पहुंचे। यहां पर उन्होंने स्थानीय सरपंच के दिवंगत
पुत्र स्व. भूपेन्द्र सारथी के निज निवास पर शोक व्यक्त किया। इस दौरान
उन्हें सेवानिवृत्त शिक्षक गंगूराम साहू मिल गए। मुख्यमंत्री ने उन्हें
सहसा देखकर पूछा- गंगूराम, तें इंहा कइसे, तोर गांव तो गुढियारी (पाटन) हरे
ना? तब साहू ने बताया कि वह रिटायर हो गए हैं और अब वह इन दिनों अपने
ससुराल (ग्राम बेलौदी) में रह रहे हैं। इस पर मुख्यमंत्री ने मुस्कुराते
हुए अपने पास बुला लिया। दोनों सहपाठी ने आपस में संक्षिप्त चर्चा करते हुए
स्कूल के दिनों की याद ताजा की। साहू ने आश्चर्य प्रकट करते हुए कहा कि
इतने दिनों बाद भी स्कूल के दिनों की बातें याद हैं, जबकि आज प्रदेश के
मुखिया के तौर पर उनकी दिनचर्या बेहद व्यस्त रहती है। उन्होंने यह भी कहा
कि वास्तव में मुख्यमंत्री आज भी जमीन से जुड़े हुए हैं और सहपाठियों के नाम
आज भी याद हैं। साहू ने यह भी बताया कि जिस स्कूल (मिडिल/हायर सेकंडरी
स्कूल मर्रा) में पढ़ाई की। वहीं पर उन्होंने शिक्षक के तौर पर अपनी सेवाएं
भी दी। इस पर मुख्यमंत्री ने उनके कंधे पर थपकियां लगाकर कहा कि यह बात
उन्हें पहले से ही पता है।
63 वर्षीय गंगूराम साहू ने बताया कि शासकीय मिडिल स्कूल व हाई स्कूल
मर्रा में कक्षा छठवीं से 12वी तक वे मुख्यमंत्री के सहपाठी रहे। उन्होंने
यह भी बताया कि उस समय मुख्यमंत्री काफी मेधावी छात्र तो थे ही, साथ में वे
अधिकारों को लेकर बेहद जुझारू भी रहे। हाई स्कूल की पढ़ाई के दौरान वे
(मुख्यमंत्री) छात्र संघ के अध्यक्ष भी रहे। संभवत: उनके उत्कृष्ट नेतृत्व
की नींव इसी स्कूल में पड़ी। स्कूल के दिनों के सखा, जो आज मुख्यमंत्री बनकर
प्रदेश की सेवा कर रहे हैं उनकी शालीनता, सादगी और सहृदयता को देखकर वृद्ध
गंगूराम भाव विह्वल हो गए।