मुंबई
पात्रा चॉल स्कैम मामले में शिवसेना नेता संजय राउत को राहत नहीं मिली है। कोर्ट ने उनकी न्यायिक हिरासत को 17 अक्तूबर तक के लिए बढ़ा दिया है। इसी दिन उनकी जमानत याचिका पर भी सुनवाई होगी। इससे पहले कोर्ट ने 10 अक्तूबर तक उन्हें न्यायिक हिरासत में भेजा था। बता दें कि 1 अगस्त को ईडी ने उन्हें वित्तीय अनियमितता के आरोप में गिरफ्तार किया था।
31 जुलाई को ईडी अधिकारियों ने शिवसेना नेता के कई ठिकानों पर छापा मारा था और उनके साथ ही परिवार से भी पूछताछ की थी। इससे पहले 28 जून को एजेंसी ने उन्हें मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूछताछ के लिए समन किया था। आरोप है कि पात्रा चॉल मामले में 1034 करोड़ रुपए का घोटाला किया गया है। संजय राउत की पत्नी का भी नाम इस घोटाले से जुड़ा हुआ है। ईडी ने उन्हें भी पूछताछ के लिए समन भेजा था। सूत्रों ने बताया था कि छापे के दौरान ईडी ने उनके घर से 11.50 लाख रुपए कैश जब्त किए थे।
बता दें कि पात्रा चॉल जमीन घोटाले की शुरूआत साल 2007 में हुई थी. महाराष्ट्र हाउसिंग एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (MHADA) के साथ प्रवीण राउत, गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन और हाउसिंग डेवलपमेंट एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड की मिलीभगत से घोटाले को अंजाम दिया गया. इस घोटाले में करीब 1034 करोड़ रुपये की हेराफरी का आरोप है. संजय राउत के दोस्त प्रवीण राउत भी इस मामले का आरोपी है. इस कंस्ट्रक्शन कंपनी पर चॉल के लोगों के साथ धोखाधड़ी करने का आरोप लगा है. ये कंपनी प्रवीण राउत की है जिसमें पात्रा चॉल के अंदर 3 हजार फ्लैट बनाए जाने थे और जिसमें से 672 फ्लैट चॉल के निवासियों को मिलने थे. हालांकि कंपनी ने प्राइवेट बिल्डरों को जमीन बेच दी.