अकड़ में रह गया पाकिस्तान, भारत से दुश्मनी पड़ी भारी, 70 लाख लोगों की नौकरियां गईं, जानें पूरा मामला
Updated on
20-01-2023 06:24 PM
कराची: कंगाल पाकिस्तान में हालात बहुत ही भयानक होते जा रहे हैं। पाकिस्तान में आटा के दाम जहां आसमान छू रहे हैं, वहीं डॉलर संकट की वजह से विदेश से आया अरबों रुपये का जरूरी सामान बंदरगाह पर ही फंसा हुआ है। इस अब खुलासा हुआ है कि पाकिस्तान के आर्थिक संकट की वजह से 70 लाख लोगों की नौकरी चली गई है। ये नौकरियां कॉटन टेक्सटाइल उद्योग से गई हैं जिस पर पाकिस्तान गर्व करता है। दरअसल, पाकिस्तानी कपड़ा उद्योग ने कॉटन की कमी को दूर करने के लिए भारत से इसके आयात की मांग की थी। शहबाज सरकार अपनी अकड़ में रह गई और उसने इसकी मंजूरी नहीं दी। इससे अब यह उद्योग बदहाल हो गया है।एक तरफ पाकिस्तान जहां लगातार दलदल में फंसता जा रहा है, वहीं प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ बुरी तरह से फेल साबित हो रहे हैं। पाकिस्तान दुनिया में कपड़ों के निर्यात के लिए मशहूर है। साल 2021 में उसने 19.3 अरब डॉलर का निर्यात किया था। यह पाकिस्तान के साल 2021 में हुए कुल निर्यात का आधा था। पाकिस्तान में कॉटन की भारी कमी हो गई है जिससे अमेरिका और यूरोप को बेडशीट, तौलिया और अन्य चीजों का निर्यात करने वाली कई छोटी-छोटी कंपनियां बंद हो गई हैं। शहबाज ने कॉटन के आयात को नहीं दी मंजूरी
ताजा रिपोर्ट में खुलासा है कि टेक्सटाइल उद्योग से 70 लाख लोगों की नौकरियां गई हैं। यही नहीं पाकिस्तान की कंगाल सरकार ने कॉटन इंडस्ट्री की मदद की बजाय उसके ऊपर और ज्यादा टैक्स लगा दिया। पाकिस्तान में यह टेक्सटाइल उद्योग का संकट ऐसे समय पर आया है जब यह देश विदेशी मुद्रा भंडार की भारी कमी और रेकॉर्ड महंगाई का सामना कर रहा है। कॉटन उद्योग कच्चा माल तक नहीं खरीद पा रहा है। इससे वह विदेशी कस्टमर की मांग को पूरा नहीं कर पा रहा है।
कराची बंदरगाह पर हजारों की तादाद में शिपिंग कंटेनर खड़े हैं। पाकिस्तान उनको उतारने के लिए डॉलर तक नहीं दे पा रहा है। अब खतरा यह मंडरा रहा है आने वाले समय में करोड़ों लोगों की नौकरियां जा सकती हैं। पाकिस्तान में आई बाढ़ ने हालात को और खराब कर दिया है। इससे पहले पिछले साल पाकिस्तान के कॉटन उद्योग ने भारत से आयात की मांग की थी। शहबाज सरकार ने इमरान खान के सियासी खतरे को देखते हुए इसकी मंजूरी नहीं दी थी। पाकिस्तान के पास बंपर निर्यात का ऑर्डर था लेकिन वह पूरा नहीं कर पा रहा है। पाकिस्तान में 25 फीसदी कॉटन की फसल बर्बाद हो गई है। इससे उसे मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।