इस्लामाबाद : पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान भले सत्ता में न हों लेकिन वह लगातार सुर्खियों में बने हुए हैं। पिछले दिनों उन्होंने गंभीर आर्थिक संकट को लेकर शहबाज सरकार पर निशाना साधा। लाहौर स्थित अपने आवास पर विदेशी मीडिया से बात करते हुए वह कश्मीर राग अलापना नहीं भूले। लेकिन पाकिस्तान की बदहाली की असल वजह बताने के लिए उन्होंने भारत की मिसाल दी। वर्तमान में पाकिस्तान इतिहास के सबसे गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहा है। पड़ोसी मुल्क के लिए यह वक्त और भी कठिन इसलिए है क्योंकि दूर-दूर तक इससे बाहर आने का कोई रास्ता नजर नहीं आ रहा है।मीडिया से बात करते हुए इमरान ने कहा कि जब मैं सत्ता में वापस आऊंगा, तो भारत से तब तक बात नहीं होगी जब तक कश्मीर की स्थिति यानी अनुच्छेद 370 बहाल नहीं हो जाता। पाकिस्तान से बातचीत को लेकर भारत का रुख बिल्कुल स्पष्ट है। भारत सरकार साफ कह चुकी है कि आतंकवाद और बातचीत एकसाथ संभव नहीं है। हालांकि खुद पाकिस्तान के लोग अपनी सरकार को आर्थिक हालात सुधारने के लिए भारत से संबंध सुधारने की सलाह दे रहे हैं। इमरान ने दी भारत की मिसाल
इमरान खान ने अपने मुल्क की बदहाली के कारण गिनाते हुए भारत की मिसाल दी। उन्होंने कहा कि कानून के शासन के बगैर पाकिस्तान तरक्की नहीं कर सकता। भारत को ही देख लें। वहां इसीलिए विकास हो रहा है क्योंकि वहां कानून का शासन है। इमरान ने पीएमएल (एन) और उसकी सहयोगी पार्टियों पर पीटीआई नेताओं और चुनाव में धांधली करने की योजना बनाई है। कभी सेना के सहारे सत्ता में आए इमरान ने सरकार और सैन्य प्रतिष्ठान पर साथ मिलकर उन्हें राजनीति से बाहर करने का आरोप लगाया।
शहबाज करना चाहते हैं वार्ता
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कुछ दिनों पहले कहा था कि पाकिस्तान ने अपना 'सबक' सीख लिया है। वह भारत के साथ शांति से रहना चाहता है। शहबाज ने पीएम नरेंद्र मोदी से बातचीत का अनुरोध भी किया था। भारत की तरफ से शहबाज शरीफ और पाक विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो को शंघाई सहयोग संगठन की बैठक में हिस्सा लेने के लिए आमंत्रित किया गया है। यह बैठक गोवा में मई 2023 में होगी जिसकी अध्यक्षता भारत करेगा।