इसके अलावा 35 बैंक खातों में जमा 7.89 करोड़ रुपये की धनराशि भी कुर्क की गयी है। उसने कहा कि ऐसा पाया गया है कि कुर्क की गयी संपत्तियों से पार्थ चटर्जी तथा अर्पिता मुखर्जी को लाभ मिला।'' एजेंसी के अनुसार, कुर्क की गयी कई संपत्तियां मुखौटा कंपनियों तथा चटर्जी के लिए काम कर रहे लोगों के नाम पर दर्ज पायी गयी। पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस की अगुवाई वाली सरकार में पूर्व मंत्री चटर्जी और उनकी ‘‘करीबी सहायक'' को ईडी ने जुलाई में गिरफ्तार किया था। एजेंसी ने कोलकाता और अन्य हिस्सों में इस मामले में छापे मारने के बाद 49.80 करोड़ रुपये की नकदी तथा 55 करोड़ रुपये से अधिक के आभूषण जब्त किए थे।
छापेमारी में मिले थे करोड़ों रुपये
ईडी ने 22 जुलाई और 27 जुलाई को तलाशी के दौरान दो परिसरों से कुल 49.80 करोड़ रुपये की नकदी और 5.08 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य के सोने और आभूषण जब्त किए थे. वर्तमान कुर्की के साथ, मामले में कुल कुर्की 103.10 करोड़ रुपये की हो गई है.
सीबीआई ने भी मांगी पार्थ चटर्जी की हिरासत
बता दें कि, प्रवर्तन निदेशालय ने धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत चटर्जी को गिरफ्तार किया था. 14 सितंबर को कोलकाता की एक अदालत ने उन्हें 28 सितंबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया था. वहीं अब सीबीआई (CBI) ने शुक्रवार को पूछताछ के लिए चटर्जी की हिरासत की मांग की थी. कोलकाता की एक अदालत ने शुक्रवार को ही पश्चिम बंगाल के पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी (Partha Chatterjee) को कथित शिक्षक भर्ती घोटाले में 21 सितंबर तक केंद्रीय जांच ब्यूरो की हिरासत में भेजा है.