इस्लामाबाद : पाकिस्तान मौजूदा समय में भारी कर्ज तले दबा हुआ है। उसका विदेशी मुद्रा भंडार सिकुड़ता जा रहा है। 1947 में अस्तित्व में आने के बाद पाकिस्तान के हालत इस समय सबसे बुरी है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने हाल ही में घोषणा की कि वह संभवतः पाकिस्तान को और अधिक कर्ज नहीं दे पाएगा क्योंकि देश पर पहले ही बड़ा कर्ज है। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने शनिवार को कहा कि आपको पता होगा कि पाकिस्तान दिवालिया होता जा रहा है। हम पहले ही एक दिवालिया हो चुके देश में रह रहे हैं।पाकिस्तानी रक्षा मंत्री के बयान से पूरे पाकिस्तान में हड़कंप मच गया है और लोगों को अब और अधिक चिंता हो रही है। पाकिस्तान में संकट अब इतना गंभीर हो चुका है कि कई बड़ी कंपनियों ने घोषणा की है कि वे पाकिस्तान में अपना संचालन रोक देंगे। इस घोषणा के पीछे कच्चे माल और विदेशी मुद्रा भंडार की भारी कमी जिम्मेदार है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मारुति सुजुकी ने पुर्जों की कमी के चलते अपने प्लांट को 21 फरवरी को बंद कर दिया है। 250 में दूध, 780 में चिकन
मौजूदा संकट 1971 के पाकिस्तानी संकट जैसा प्रतीत हो रहा है, जब पड़ोसी देश भारत के खिलाफ युद्ध हार गया था। इसी साल बांग्लादेश अस्तित्व में आया था। इन सब में सबसे ज्यादा पिस रही है पाकिस्तानी जनता जो आसमान छू रही महंगाई के चलते किल्लतों से जूझ रही है। पाकिस्तान में दूध 250 रुपए/लीटर और चिकन 780 रुपए/किग्रा के दाम पर बिक रहा है। आईएमएफ ने पाकिस्तान को आर्थिक संकट के बीच भूख से मर रहे गरीबों को बचाने के लिए अमीरों पर टैक्स लगाने का सुझाव दिया है।
भविष्य पर लगा सवालिया निशान
पाकिस्तान में पहले आटे के लिए भगदड़ देखी जा चुकी है। विश्लेषकों का अनुमान है कि जल्द ही ऐसी स्थिति पेट्रोलियम और अन्य बुनियादी चीजों के लिए भी पैदा हो सकती है। पेट्रोल-डीजल के दाम कृषि पर भी असर डालेंगे। शहबाज सरकार ने लग्जरी सामान का आयात पहले ही बंद कर दिया है। पिछले हफ्ते पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार करीब 3.19 बिलियन डॉलर पर गया। दावा किया जा रहा है कि यह दो हफ्ते से ज्यादा नहीं चलेगा। वर्तमान संकट पाकिस्तान के भविष्य पर सवालिया लगाता है कि अब आगे क्या होगा?