मॉस्को : रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को यह डर सता रहा है कि देश के कुछ शीर्ष नेता उन्हें सत्ता से बेदखल करने की साजिश रच रहे हैं। इसी वजह से पुतिन को अब अपनी हत्या का डर सताने लगा है। कहा जा रहा है कि अब वह सिर्फ एक खास तरह की ट्रेन से सफर करते हैं। पिछले साल यूक्रेन युद्ध शुरू करने के बाद से पुतिन की दुनियाभर में आलोचना हो रही है। इस जंग ने पुतिन के दुश्मनों की संख्या काफी बढ़ा दी है। पुतिन के साथ जासूसी की ट्रेनिंग लेने वाले एक पूर्व केजीबी सहयोगी ने दावा किया है कि रूसी राष्ट्रपति अपने प्लेन को मार गिराए जाने के डर से अब सिर्फ एक बख्तरबंद ट्रेन में ही सफर कर रहे हैं।
डेलीस्टार की खबर के अनुसार पूर्व केजीबी जासूस का दावा है कि वर्तमान में पुतिन की 'बेचैनी' अपने चरम पर है। पुतिन के साथ केजीबी इंस्टिट्यूट में पढ़ने वाले यूरी श्वेत्स (71) का दावा है कि रूसी राष्ट्रपति अपने इनर सर्कल के भीतर सत्ता के संघर्ष को लेकर चिंतित हैं। यूक्रेन युद्ध के बाद से पुतिन ज्यादातर 'सेल्फ आइसोलेशन' में रहते हैं। उनकी 'फेस-टू-फेस' मीटिंग की संख्या भी काफी कम हो गई है। श्वेत्स कहते हैं कि ऐसा लग रहा है कि उन्हें अपनी जान का खतरा सता रहा है। उनके चारों तरफ एक 'संघर्ष' चल रहा है और इस संघर्ष में पुतिन बड़ी आसानी से अपना अस्तित्व खो सकते हैं इसीलिए उन्होंने खुद को आइसोलेट कर लिया है।
पुतिन की खास ट्रेन ग्रे और लाल रंग की
पुतिन के पूर्व दोस्त का मानना है कि उनको सबसे ज्यादा जहर दिए जाने का डर सता रहा है। अपने प्रेसिडेंशियल प्लेन के बजाय रूस के भीतर ट्रेन से यात्रा करना पुतिन की बेचैनी को साफ दिखाता है। पुतिन रूस के भीतर यात्रा करने के लिए जिस ट्रेन का इस्तेमाल करते हैं उसे एक साधारण ट्रेन दिखाने के लिए ग्रे और लाल रंग में रंगा गया है। लेकिन इसके छत पर विशेष संचार के लिए एक गुप्त रेडियो एंटीना लगा हुआ है। हालांकि ट्रेन से यात्रा करने वाले पुतिन अकेले नेता नहीं है। इससे पहले उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन को भी प्लेन के बजाय ट्रेन से यात्रा करते हुए देखा जा चुका है।
किम जोंग उन की ट्रेन पूरा 'किला'
साल 2018 में किम जोंग उन अपनी खुफिया ट्रेन से ही चीन पहुंचे थे। उनकी यह ट्रेन किसी किले से कम नहीं है। इस ट्रेन में 21 लग्जरी डब्बे लगे हुए हैं जिनमें शराब से लेकर सीफूड तक परोसा जाता है। खबरों की मानें तो मनोरंजन के लिए ट्रेन में कई महिलाएं भी मौजूद होती हैं। किम जोंग उन की पूरी ट्रेन बुलेट प्रूफ है जिस वजह से यह काफी भारी हो जाती है। अपने ज्यादा वजन की वजह से ही यह ट्रेन सिर्फ 60 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल सकती है। उत्तर कोरिया के भीतर 20 ऐसे स्टेशन हैं जिन्हें सिर्फ किम जोंग उन के निजी इस्तेमाल के लिए बनाया गया है।