नई दिल्ली: दिग्गज उद्योगपति रतन टाटा का निधन हो गया है। उन्होंने बुधवार रात मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में अंतिम सांस ली। 86 साल के रतन टाटा के निधन से पूरे देश में शोक की लहर है। उनके निधन पर उद्योग जगत की हस्तियों ने शोक व्यक्त किया है। देश की सबसे वैल्यूएबल कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने कहा कि यह भारत और उद्योग जगत के लिए एक दु:खद दिन है। रतन टाटा जाना न केवल टाटा ग्रुप के लिए बल्कि हर भारतीय के लिए एक अपूरणीय क्षति है।अंबानी ने एक बयान में कहा, 'रतन टाटा के निधन से मुझे काफी दु:ख हुआ है क्योंकि मैंने एक प्यारा दोस्त खो दिया है। उनके साथ प्रत्येक बातचीत ने मुझे प्रेरित किया, ऊर्जावान बनाया और उनके चरित्र की महानता और उनके द्वारा अपनाए गए उत्कृष्ट मानवीय मूल्यों के प्रति मेरा सम्मान बढ़ाया। रतन टाटा एक दूरदर्शी उद्योगपति और परोपकारी व्यक्ति थे, जिन्होंने हमेशा समाज की भलाई के लिए प्रयास किया।'
अमर रहेंगे रतन टाटा
रिलायंस के चेयरमैन ने कहा, 'रतन टाटा के निधन के साथ भारत ने अपने सबसे शानदार और दयालु बेटों में से एक को खो दिया है। टाटा ने भारत को दुनिया भर में पहुंचाया और दुनिया की सर्वश्रेष्ठ चीजें भारत में लाए। उन्होंने टाटा हाउस को संस्थागत रूप दिया और इसे एक अंतरराष्ट्रीय उद्यम बनाया। उन्होंने 1991 में चेयरमैन के रूप में कार्यभार संभालने के बाद से टाटा ग्रुप को 70 गुना से अधिक बढ़ाया। रिलायंस, नीता और अंबानी परिवार की ओर से मैं टाटा परिवार और पूरे टाटा ग्रुप के शोक संतप्त सदस्यों के प्रति अपनी हार्दिक संवेदनाएं व्यक्त करता हूं।'
टाटा ग्रुप और रिलायंस के बाद देश के तीसरे बड़े औद्योगिक घराने अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी ने एक्स पर एक ट्वीट में कहा, 'रतन टाटा के निधन से भारत ने एक दिग्गज और दूरदर्शी व्यक्ति को खो दिया है जिसने आधुनिक भारत के मार्ग को नए सिरे से परिभाषित किया। रतन टाटा सिर्फ एक बिजनस लीडर नहीं थे बल्कि उन्होंने ईमानदारी, करुणा और सबकी भलाई के लिए एक अटूट प्रतिबद्धता के साथ भारत की भावना को मूर्त रूप दिया। उनके जैसे दिग्गज अमर रहते हैं। ओम शांति।'
क्या बोले आनंद महिंद्रा
महिंद्रा ग्रुप के चेयरमैन आनंद महिंद्रा ने कहा कि ऐसे समय में जब भारत की इकॉनमी छलांग मारने की दहलीज पर है, हम टाटा का मार्गदर्शन और मेंटरशिप मिस करेंगे। उन्होंने कहा, मेरा दिल यह मानने को तैयार नहीं है कि टाटा नहीं रहे। भारत की इकॉनमी ऐतिहासिक छलांग लगाने की दहलीज पर है। भारत आज जिस मुकाम पर है उसमें रतन टाटा का बहुत बड़ा योगदान है। इसलिए ऐसे समय में उनका मार्गदर्शन हमारे लिए अमूल्य होता।
अमेरिका की दिग्गज टेक कंपनी गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई ने कहा कि रतन टाटा अपने पीछे असाधारण बिजनस और परोपकारी विरासत छोड़ गए हैं। भारत में मॉडर्न बिजनस लीडरशिप के विकास और मार्गदर्शन में उनकी अहम भूमिका रही है। उनकी चिंता हमेशा यही रहती थी कि भारत को कैसे बेहतर बनाया जाए। जाने माने उद्योगपति हर्ष गोयनका ने कहा कि रतन टाटा ईमानदारी, नैतिक मूल्यों और परोपकार की मिसाल थे। उन्होंने बिजनस की दुनिया और उसके इतर एक अमिट छाप छोड़ी है।