लगभग दो घंटे की लंबी प्रेस वार्ता में राज्यपाल ने विजयन को निशाने पर लिया और कन्नूर के कुलपति के रूप में अपने नामित व्यक्ति की फिर से नियुक्ति का अनुरोध करते हुए अपने पत्र जारी किए।
खान ने कहा कि राज्य में शासन करने वाली माकपा काम कराने के लिए दबाव के हथकंडे अपना रही है।
खान ने कहा, "तीन साल पहले जब मैं कन्नूर में भारतीय इतिहास कांग्रेस में भाग ले रहा था, तब माकपा ने मुझे डराने की कोशिश की थी। मैं विजयन के मौजूदा सचिव के.के. रागेश से पूछना चाहता हूं कि क्या रागेश को यह पद पुरस्कार के रूप में दिया गया था?"
खान ने कहा, "अब, मुझ पर दो विधेयकों (विश्वविद्यालय संशोधन और लोकायुक्त) पर हस्ताक्षर करने के लिए दबाव डाला जा रहा है। मैं ऐसा नहीं करूंगा, क्योंकि यह विश्वविद्यालयों की स्वायत्तता से समझौता करता है।"