BBC डॉक्यूमेंट्री पर भारत के साथ खुलकर खड़ा हुआ रूस, इंफॉर्मेशन वॉर छेड़ने का लगाया आरोप
Updated on
31-01-2023 06:53 PM
मॉस्को: रूस ने एक बार फिर साबित किया है कि वह भारत का असली दोस्त है। ब्रिटिश प्रसारक बीबीसी की विवादास्पद डॉक्यूमेंट्री के खिलाफ रूस ने खुलकर भारत का पक्ष लिया है। रूस ने बीबीसी पर न केवल उसके विरूद्ध बल्कि स्वतंत्र नीति अपना रहे अन्य वैश्विक केंद्रों के विरूद्ध भी विभिन्न मोर्चों पर सूचना युद्ध छेड़ने का आरोप लगाया है। कुछ दिनों पहले ही इस ब्रिटिश प्रसारक ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर विवादास्पद सीरीज जारी की थी। भारत सरकार ने इस डॉक्यूमेंट्री पर सख्त प्रतिक्रिया देते हुए इसके प्रदर्शन पर रोक लगा दी थी।रूस ने क्या कहा?
रूस के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया जाखारोवा ने शुक्रवार को बीबीसी के विवादास्पद वृत्तचित्र के बारे में पूछे जाने पर यह टिप्पणी की। उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि हमारे भारतीय मित्र पहले ही इस स्थिति पर टिप्पणी कर चुके हैं। मैं आपका ध्यान इस तथ्य की ओर आकृष्ट करना चाहूंगी कि बीबीसी द्वारा न केवल रूस बल्कि स्वतंत्र नीति अपना रहे अन्य वैश्विक केंद्रों के विरूद्ध भी सूचना युद्ध छेड़ने का यह एक और सबूत है।ब्रिटिश पीएम तक झाड़ चुके हैं पल्ला
ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक भी बीबीसी की इस विवादित डॉक्यूमेंट्री से पल्ला झाड़ चुके हैं। उन्होंने ब्रिटिश संसद में इससे जुड़े एक सवाल के जवाब में कहा था कि वह ऐसे चरित्र चित्रण से सहमत नहीं हैं। उनसे यह सवाल पाकिस्तानी मूल के एक सांसद ने पूछा था। ऋषि सुनक प्रधानमंत्री बनने के बाद बाली में जी-20 की बैठक के दौरान पीएम मोदी से मिल चुके हैं। इस दौरान दोनों नेताओं के बीच आपसी संबंधों को और मजबूत बनाने में सहमति बनी थी। इतना ही नहीं, भारत और ब्रिटेन फ्री ट्रेड एग्रीमेंट को लेकर भी काम कर रहे हैं। इसकी सबसे ज्यादा जरूरत ब्रिटेन को है।भारत ने बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री पर दी थी सख्त प्रतिक्रिया
भारत ने गुजरात दंगों पर बने बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री पर सख्त प्रतिक्रिया देते हुए इसे दुष्प्रचार का हिस्सा बताया था। भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा था कि इसमें पूर्वाग्रह, निष्पक्षता की कमी और औपनिवेशिक मानसिकता स्पष्ट रूप से झलकती है। उन्होंन यह भी कहा था कि यह डॉक्यूमेंट्री एक झूठे नैरेटिव को आगे बढ़ाने के लिए दुष्प्रचार का एक हिस्सा है। बागची ने कहा था कि यह हमें इस कवायद के उद्देश्य और इसके पीछे के एजेंडा के बारे में सोचने पर मजबूर करता हैं। बागची ने कहा कि यह डॉक्यूमेंट्री उस एजेंसी और उन लोगों की मानसिकता को प्रदर्शित करता है जो इस नैरेटिव को फिर से आगे बढ़ा रहे हैं।