शंघाई सहयोग संगठन के सम्मेलन में शामिल होने प्रधानमंत्री मोदी उज्बेकिस्तान के समरकंद पहुंच गए हैं। वहीं पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन पहले ही समरकंद पहुंच चुके हैं। सम्मेलन से अलग शहबाज शरीफ और पुतिन के बीच द्विपक्षीय मुलाकात हुई। इस दौरान कुछ ऐसा हुआ कि शहबाज शरीफ हड़बड़ा गए। पुतिन के सामने ही उन्हें मदद मांगनी पड़ गई।
दरअसल बातचीत से पहले भाषा को समझने के लिए पुतिन और शरीफ दोनों को ही ट्रांसलेटर की जरूरत थी। ऐसे में उन्हें अपने कानों में हेडफोन जैसी मशीन लगानी थी। चेयर पर बैठते ही पुतिन ने बड़ी आसनी से मशीन लगा ली और बातचीत के लिए तैयार हो गए। लेकिन शहबाज शरीफ ट्रांसलेटर लगा ही नहीं पा रहे थे। पहले उन्होंने एक कान में ट्राइ किया लेकिन ट्रांसलेटर गिर गया। फिर वह दूसरे कान में लगाने की कोशिश करने लगे। आखिर में उन्हें मदद मांगनी पड़ गई। एक अधिकारी ने शरीफ के पास आकर ट्रांसलेटर उनके कान में सेट किया।