इस्लामाबाद: भारत और पाकिस्तान के बीच रिश्तों को लेकर दो बड़ी घटनाएं हुई हैं। एक तरफ कंगाल पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बातचीत की गुहार लगाई है। वहीं दूसरी ओर पाकिस्तान के आका चीन ने संयुक्त राष्ट्र में लश्कर-ए-तैयबा के संस्थापक हाफिज सईद के रिश्तेदार अब्दुल रहमान मक्की को वैश्विक आतंकी घोषित किए जाने पर अपने विरोध खत्म कर लिया। इसके बाद संयुक्त राष्ट्र ने मुंबई आतंकी हमले के मास्टरमाइंड मक्की को वैश्विक आतंकी घोषित कर दिया। आइए समझते हैं पाकिस्तान और चीन का अचानक से हृदय परिवर्तन कैसे हो गया और वे भारत के साथ दोस्ती की ओर क्यों कदम बढ़ा रहे हैं।
दरअसल, यह दोनों ही घटनाक्रम ऐसे समय पर हुआ है जब पाकिस्तान डिफॉल्ट होने की कगार पर है और शहबाज शरीफ दुनियाभर में घूम-घूमकर डॉलर की भीख मांग रहे हैं। यही नहीं पाकिस्तान को आर्थिक संकट के साथ तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान आतंकियों के खूनी हमले का सामना करना पड़ रहा है। यही नहीं अफगान सीमा पर अक्सर तालिबानी सैनिकों के साथ पाकिस्तान की जंग होती रहती है। पाकिस्तानी अब भारत की सीमा की बजाय अफगान सीमा की सुरक्षा को मजबूर हो गई है। वहीं भारत लगातार तेजी से विकास कर रहा है और दुनिया की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। शहबाज ने भारत से क्यों लगाई बातचीत की गुहार
पाकिस्तान अभी आटे के गंभीर संकट का सामना कर रहा है और दाम आसमान छू रहे हैं। पाकिस्तान के कई इलाकों में आटे को लेकर लोगों में हिंसक झड़प हो चुकी है। इसके अलावा पाकिस्तान में महंगाई अपने रेकॉर्ड स्तर को छू रही है। पाकिस्तान अभी आईएमएफ के प्रोग्राम में जाने वाला है, इससे मंहगाई कई गुना और बढ़ जाएगी। पाकिस्तान में इस साल चुनाव होने हैं और इमरान खान सियासी जंग के लिए तैयार हैं। माना जा रहा है कि इमरान खान फिर से सत्ता में आ सकते हैं। पाकिस्तान में आसमान को छूती महंगाई इमरान खान का रास्ता साफ कर सकती है। यही वजह है कि शहबाज को भारत से बातचीत की गुहार लगानी पड़ रही है।
पाकिस्तान को बचाने के लिए चीन को अरबों डॉलर लोन देना पड़ा है। चीन के पैसे पाकिस्तान लौटा भी नहीं पा रहा है। वहीं भारत लगातार आतंकियों को शरण देने को लेकर पाकिस्तान और चीन पर हमलावर है। माना जा रहा है कि इन्हीं वजहों से पाकिस्तान और चीन को आतंकी मक्की पर अपने रुख को बदलने के लिए मजबूर होना पड़ा है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने अब भारत से मांग की है कि पीएम मोदी के साथ कश्मीर जैसे ज्वलंत मुद्दों पर 'महत्वपूर्ण और ईमानदार' से भरी बातचीत होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच 3 युद्ध हो चुके हैं और इससे उनके देश में संकट, गरीबी और बेरोजगारी आई है।'शहबाज शरीफ को दुनिया से भीख मांगनी पड़ रही'
इससे पहले पाकिस्तान के कई विशेषज्ञों ने शहबाज सरकार को नसीहत दी थी कि वह भारत के साथ बैर को भुलाकर दोस्ती करे। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान गंभीर आर्थिक संकट में घिरा है और शहबाज को दुनिया से भीख मांगनी पड़ रही है। वहीं भारत हर दिन तेजी से विकास कर रहा है। पाकिस्तानी विश्लेषक शहबाद चौधरी ने चेतावनी दी कि जहां पाकिस्तानी अर्थव्यवस्था तबाह हो गई है, वहीं भारत दुनिया के दुश्मनों रूस और अमेरिका के साथ दोस्ती को एक नई ऊंचाई पर ले जा चुका है। भारत अब अपनी शर्तें और नीतियां आगे बढ़ा रहा है। भारत युद्ध के बाद भी रूस से तेल खरीद रहा है और वहां की जनता फायदा उठा रही है। भारत का सपना साल 2037 तक तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने का है। वहीं पाकिस्तान के पास अब केवल 10 अरब डॉलर का ही विदेशी मुद्रा भंडार ही बचा है।