नई दिल्ली
गुलाम नबी आजाद के कांग्रेस छोड़ने के बाद उनके समर्थन में पार्टी से
निकलने वाले लोगों का सिलसिला लगातार जारी है। मंगलवार को गुलाम नबी आजाद
के समर्थन में 65 नेताओं ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद अब
बुधवार को भी 42 नेताओं ने पार्टी छोड़ दी है। इन सभी नेताओं का कहना है कि
वह गुलाम नबी आजाद की नई बनने वाली पार्टी में शामिल होंगे। इस तरह गुलाम
नबी आजाद के समर्थन में अब तक पार्टी के 100 से ज्यादा नेता इस्तीफा दे
चुके हैं। इन नेताओं में पूर्व डिप्टी सीएम ताराचंद भी शामिल हैं।
इस बीच गुलाम नबी आजाद ने अपनी पार्टी बनाने की कोशिशें तेज कर दी हैं। वह 4 सितंबर को जम्मू में एक रैली को संबोधित करने वाले हैं। कांग्रेस छोड़ने के बाद यह उनका पहला सार्वजनिक कार्यक्रम होगा। माना जा रहा है कि इस रैली के दौरान वह अपनी पार्टी का ऐलान कर सकते हैं। अहम बात यह है कि 4 सितंबर को ही दिल्ली में राहुल गांधी 'महंगाई पर हल्ला बोल' रैली को संबोधित करने वाले हैं। साफ है कि गुलाम नबी आजाद के कार्यक्रम के चलते कांग्रेस का यह विरोध प्रदर्शन प्रभावित होगा। गुलाम नबी आजाद ने इस्तीफे के बाद कहा था कि यह तो अभी शुरुआत है। इसका मतलब यह निकाला जा रहा है कि आने वाले दिनों में उनकी ओर से कांग्रेस पर हमलों में इजाफा हो सकता है।
90 सीटों पर चुनाव लड़ सकती है गुलाम नबी की पार्टी
जम्मू-कश्मीर में अगले साल चुनाव होने के कयास लग रहे हैं और गुलाम नबी
आजाद के समर्थकों का कहना है कि उनकी पार्टी सभी 90 सीटों पर उतरने वाली
है। जम्मू के सैनिक फार्म्स में गुलाम नबी आजाद की रैली होने जा रही है और
उससे पहले जिस तरह कांग्रेसियों के इस्तीफे हो रहे हैं, उससे पार्टी के लिए
केंद्र शासित प्रदेश में अपना आधार बचाने की चुनौती है। बता दें कि गुलाम
नबी आजाद ने राहुल गांधी पर तीखे हमले बोलते हुए पार्टी से इस्तीफा दिया
था। गुलाम नबी आजाद ने कहा था कि राहुल गांधी के सियासत में आते ही
कांग्रेस का पूरा सिस्टम ध्वस्त हो गया था।
आजाद के बाद हुड्डा और आनंद शर्मा जैसे नेता देंगे टेंशन?
गुलाम नबी आजाद की बगावत आने वाले दिनों में जम्मू-कश्मीर से बाहर भी
पार्टी को टेंशन दे सकती है। मंगलवार को भूपिंदर सिंह हुड्डा और आनंद शर्मा
जैसे दिग्गज कांग्रेसियों ने दिल्ली में आजाद से मुलाकात की थी। ऐसे में
कयास लग रहे हैं कि ये नेता भी आने वाले दिनों में कांग्रेस को कुछ झटके दे
सकते हैं। बता दें कि आनंद शर्मा ने हिमाचल प्रदेश कैंपेन कमिटी के
अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने कहा था कि राज्य में चुनावी
तैयारियों को लेकर उनसे कोई बात ही नहीं की गई थी। बिना किसी चर्चा के ही
उन्हें यह जिम्मा दिया गया था।