होठों पर पीर, आंखों में नीर, तुर्की के महाविनाशक भूकंप ने लील ली 2,300 जिंदगियां, पूरा अपडेट

Updated on 07-02-2023 05:59 PM
अजमरीन: दक्षिण पूर्वी तुर्किये और दक्षिणी सीरिया में सोमवार को आए 7.8 की तीव्रता के शक्तिशाली भूकंप में 2300 से अधिक लोगों की मौत हो गई। भूकंप से सैकड़ों इमारतों को नुकसान पहुंचा है। हताहतों की संख्या बढ़ने की आशंका है, क्योंकि बचावकर्मी अब भी प्रभावित इलाकों में मलबे में फंसे लोगों की तलाश में जुटे हैं। सीमा के दोनों ओर भूंकप का झटका सूर्योदय से पहले महसूस हुआ और लोगों को सर्दी और बारिश के बावजूद बाहर आना पड़ा। भूकंप से कई इमारतें ध्वस्त हो गई हैं और भूकंप के बाद झटके अब भी महसूस किए जा रहे हैं। विभिन्न शहरों में बचावकर्मी और निवासी ध्वस्त हुई इमारतों से जिंदा लोगों को निकालने की कोशिश कर रहे हैं।

भूकंप में ध्वस्त हुए तुर्किये के एक अस्पताल और सीरिया के गिने-चुने अस्पतालों से नवजातों सहित मरीजों को सुरक्षित बाहर निकालना पड़ा। तुर्किये के शहर अदाना के एक निवासी ने बताया कि उसके आसपास की तीन इमारतें ध्वस्त हो गई हैं। पत्रकारिता के छात्र मुहम्मद फतीह यवुज ने बताया कि मलबे में जिंदा फंसे एक व्यक्ति ने बचावकर्मियों द्वारा निकाले जाने की कोशिश के दौरान कहा, ‘‘अब मुझमें कोई ताकत नहीं बची है।’’ तुर्किये के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन ने कहा, ‘‘भूकंप वाले क्षेत्र में कई इमारतों का मलबा को हटाने का काम जारी है, हम नहीं जानते कि मृतकों और घायलों की संख्या कितनी बढ़ेगी।’’ उन्होंने कहा, ‘‘उम्मीद है कि हम इस विपदा वाले दिन को हमारी एकता और देश के प्रति एकजुटता पीछे छोड़ देगी।’’

दूर तक महसूस हुए झटके

भूकंप का केंद्र तुर्किये का दक्षिण पूर्वी प्रांत कहरमनमारस था और झटके दूर काहिरा तक महसूस किए गए। दमिश्क में भी लोगों को भूकंप की वजह से सड़कों पर आना पड़ा और बेरूत में जब झटके महसूस हुए, तब लोग सो रहे थे। भूकंप सीरिया के उस क्षेत्र में आया, जहां एक दशक से अधिक समय से गृह युद्ध जारी है और प्रभावित इलाका सरकार और विद्रोहियों में बंटा हुआ तथा उनके चारों ओर रूस समर्थित सरकारी सेनाएं तैनात हैं। वहीं, तुर्किये वाले इलाके में संघर्ष की वजह से लाखों शरणार्थी बसे हुए हैं। विरोधियों के कब्जे वाले सीरियाई इलाके में लड़ाई की वजह से विस्थापित 40 लाख लोग रह रहे हैं। इनमें से कई उन इमारतों में रह रहे थे, जो पहले से ही बमबारी की वजह से क्षतिग्रस्त थे।

भूकंप में गई थी 18 हजार लोगों की जान

व्हाइट हेलमेट नामक विपक्षी आपात संगठन ने एक बयान में कहा कि सैकड़ों परिवार मलबे में दबे हैं। बचावकर्मियों ने बताया कि पहले ही संसाधनों की किल्लत से जूझ रहे चिकित्सा केंद्र और अस्पताल जल्द घायलों से भर गए। एसएमएस चिकित्सा संगठन के मुताबिक सैन्य अस्पताल सहित कई अस्पतालों को खाली कराया गया है। यह इलाका प्रमुख भूकंप संभावित क्षेत्र में पड़ता है और वर्ष 1999 में उत्तर पश्चिमी तुर्की में आए इसी तरह के शक्तिशाली भूकंप में करीब 18 हजार लोगों की मौत हुई थी।
अमेरिकी भूगर्भ सर्वेक्षण के अनुसार, भूकंप का केंद्र गजियांतेप से करीब 33 किलोमीटर दूर 18 किलोमीटर की गहराई पर था। प्रांतों में इसके झटके महसूस किए गए। सर्वेक्षण के मुताबिक, कुछ घंटे के बाद 7.5 तीव्रता का एक और भूकंप महसूस किया गया, जिसका केंद्र पूर्व के केंद्र से महज 100 किलोमीटर दूर था। तुर्किये की आपदा प्रबंधन एजेंसी ने बताया कि यह अलग भूकंप था और झटके के बाद दर्जनों और झटके आने की आशंका है। एजेंसी के ओरहान ततार ने संवाददाताओं को बताया कि दो झटकों के बाद सैकड़ों झटकों की आशंका है। सीरिया के अलेप्पो और हामा शहर से लेकर तुर्किये के दियारबाकीर तक हजारों इमारतों के ध्वस्त होने की सूचना है। राष्ट्रपति ने बताया कि भूकंप से करीब 3000 इमारतें ध्वस्त हो गई हैं।

तुर्की की मदद को आगे आई दुनिया

उपराष्ट्रपति ने बताया कि भूमध्य सागरीय तटीय शहर इस्कानदेरोन में एक अस्पताल ध्वस्त हो गया, लेकिन हताहतों की संख्या की तत्काल जानकारी नहीं मिली है। तुर्किये के टेलीविजन स्टेशन ने तस्वीरें प्रसारित की हैं, जिनमें उनके स्टूडियो में रखी टीवी की स्क्रीन चार या पांच टुकड़ों में बट गई। कहरमनमारस शहर में बचाव कर्मियों ने दो बच्चों को जिंदा मलबे से निकाला है और तस्वीरों में दिख रहा है कि बर्फ से ढके मैदान में उन्हें स्ट्रेचर पर लिटाया गया है। अब तक तुर्किये की मदद के लिए दर्जनों देशों के अलावा यूरोपीय संघ और नाटो ने पेशकश की है और तलाशी व बचाव दल से लेकर चिकित्सा और धन भेज रहे हैं। नॉटिंघम ट्रेंट यूनिवर्सिटी में प्राकृतिक खतरे के विशेषज्ञ डॉ. स्टीवन गॉडबाई ने कहा कि प्रभावित इलाकों से जो तस्वीरें आ रही हैं, उससे प्रतीत होता है कि उल्लेखनीय जान की हानि हुई है, इलाके में सर्दी और गृह युद्ध ने बचाव कार्य में लगे कर्मियों की जटिलता बढ़ा दी है।

भूकंप वाले इलाके से भाग रहे लोग


तुर्किये में लोग भूकंप प्रभावित इलाकों को छोड़कर बाहर जाना चाहते हैं जिसकी वजह से यातायात जाम की स्थिति उत्पन्न हो गई है और आपात टीम को घटनास्थलों पर पहुंचने में मुश्किल का सामना करना पड़ रहा है। अधिकारियों ने लोगों से सड़कों पर नहीं आने की अपील की है। इलाके की मस्जिदों को उन लोगों के लिए खोल दिया गया है जिनके घर क्षतिग्रस्त हो गए हैं, क्योंकि इलाके में तापमान शून्य के करीब है। भूकंप की वजह से गैजियांतेप की पहाड़ी पर स्थित ऐतिहासिक कैसल को नुकसान पहुंचा है। किले की दीवार और निगरानी स्तंभों को भारी नुकसान पहुंचा है। वहीं, उत्तर-पश्चिमी सीरिया में कब्जे वाले इदलिब प्रांत में भूकंप ने एक नया संकट खड़ा कर दिया, जो पहले ही कई वर्षों से रूसी और सरकार के हवाई हमलों को झेल रहा है। यह क्षेत्र भोजन से लेकर चिकित्सकीय आपूर्ति तक हर चीज के लिए तुर्किये पर निर्भर है। सभी राहत सामग्री तुर्किये के रास्ते ही इदलिब पहुंचती है।

सीरिया में मलबे में दबे लोग

उत्तर पश्चिमी सीरिया में विपक्ष के ‘सीरियन सिविल डिफेंस’ ने विद्रोहियों के कब्जे वाले क्षेत्र में स्थिति को ‘‘विनाशकारी’’ बताते हुए कहा कि इमारतें ढहने से कई लोग मलबे में दब गए हैं। तुर्किये की सीमा के नजदीक सीरियाई विद्रोहियों के कब्जे वाले छोटे शहर अजमरिन में कई बच्चों के शव कंबल में लपेटकर अस्पताल लाए गए हैं। सीरिया के पुरातत्व व संग्रहालय महानिदेशक ने बताया कि भूकंप की वजह से ईसाई धर्मयोद्धाओं की ओर से निर्मित मरकब या निगरानी दुर्ग की दीवारें, मीनार और कुछ अन्य दीवारें ध्वस्त हो गईं, जिनसे प्राचीन काल में भूमध्य सागर पर नजर रखी जाती थी।

तुर्की में 1,500 से ज्यादा लोगों की मौत

तुर्किये के मुताबिक, भूकंप से देश के 10 प्रांतों में 1500 से अधिक लोगों की मौत हुई है और 8500 से अधिक लोग घायल हुए हैं। सीरिया के स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, सीरिया में भूकंप से मारे गए लोगों की संख्या बढ़कर 430 हो गई है और करीब 1280 अन्य घायल हुए हैं। व्हाइट हेलमेट के मुताबिक, सीरिया में विद्रोहियों के कब्जे वाले इलाके में कम से 380 लोगों की मौत हुई है। हालांकि, एसएएमएस ने मृतकों की संख्या 135 बताई है। दोनों संगठनों ने घायलों की संख्या सैकड़ों बताई है। सीरिया की राजधानी दमिश्क में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए और लोग भय के चलते सड़कों पर आ गए।


40 सेकंड तक महसूस हुए झटके

लेबनान में भी लोगों ने करीब 40 सेकंड तक कंपन महसूस किया। लेबनान की राजधानी बेरूत में कई लोग घरों से बाहर निकल आए और कार की मदद से इमारतों से दूर चले गए। तुर्किये के हतय प्रांत के विधायक हुसैन यायमन ने बताया कि उनके परिवार के कई सदस्य ध्वस्त मकान के मलबे में दब गए हैं। उन्होंने हबेरतुर्क टेलीविजन चैनल को बताया, ‘‘कई लोग मलबे में दबे हैं। कई इमारतें ध्वस्त हो गई हैं। और लोग बारिश व सर्दी के बीच सड़कों पर हैं।’’

अन्य महत्वपुर्ण खबरें

 11 January 2025
सीरिया में सेना के उच्च पदों जैसे ब्रिगेडियर जनरल और कर्नल पर उइगर लड़ाकों को नियुक्त करने को लेकर चीन ने चिंता जाहिर की है। ये लड़ाके चीन के उइगर…
 11 January 2025
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प अमेरिकी इतिहास में सजा पाने वाले पहले राष्ट्रपति बन गए हैं। उन्हें आज यानी शुक्रवार को पोर्न स्टार को पैसे देकर चुप कराने के…
 11 January 2025
अमेरिका और जापान ने शुक्रवार को रूस के खिलाफ एक्शन लेते हुए कई नए प्रतिबंधों का ऐलान किया। रॉयटर्स के मुताबिक अमेरिका ने रूस की 200 से ज्यादा कंपनियों और…
 10 January 2025
सीरिया में सेना के उच्च पदों जैसे ब्रिगेडियर जनरल और कर्नल पर उइगर लड़ाकों को नियुक्त करने को लेकर चीन ने चिंता जाहिर की है। ये लड़ाके चीन के उइगर…
 10 January 2025
लेबनान में आर्मी कमांडर जोसेफ औन को नया राष्ट्रपति चुना गया है। गुरुवार को संसद में हुई दो राउंड की वोटिंग के बाद 60 साल के औन को नई जिम्मेदारी…
 10 January 2025
अमेरिका में कैलिफोर्निया राज्य के लॉस एंजिलिस के जंगलों में लगी आग से अब तक 1900 इमारतें जलकर खाक हो चुकी हैं। आग इतनी भयानक है कि इससे हॉलीवुड स्टार्स…
 10 January 2025
पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में तीन हिंदू युवकों को अगवा कर लिया गया है। अगवा करने वाले अपराधियों ने पुलिस से उनके साथियों को रिहा करने की मांग की है।…
 10 January 2025
आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की कनाडा में 2023 में हत्या के मामले में गिरफ्तार चार भारतीय आरोपियों को जमानत मिलने की बात गलत निकली है। कनाडा की सबसे बड़ी न्यूज…
 10 January 2025
कनाडा में जस्टिन ट्रूडो के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफे के बाद लिबरल पार्टी के हिंदू नेता चंद्रा आर्या ने पीएम पद के लिए दावेदारी पेश की है। चंद्रा आर्या भारतीय…
Advt.