नई दिल्ली: देश का अब तक का सबसे बड़ा आईपीओ आज खुलने जा रहा है। हुंडई मोटर इंडिया का करीब 25,000 करोड़ रुपये का इश्यू आज सब्सक्रिप्शन के लिए खुल रहा है। इस पर 17 अक्टूबर तक बोली लगाई जा सकती है। इस इश्यू में कोई नया शेयर जारी नहीं किया जाएगा और मौजूदा इनवेस्टर्स ऑफर फॉर सेल के जरिए अपनी हिस्सेदारी बेचेंगे। हुंडई मोटर इंडिया देश की दूसरी सबसे बड़ी ऑटो कंपनी है। इस आईपीओ के लिए प्राइस बैंड कीमत 1,865-1,960 रुपये के बीच है। हुंडई का आईपीओ हाल के वर्षों में एशिया के सबसे बड़े आईपीओ में से एक है। आपको इसमें पैसे लगाने चाहिए या नहीं? जानिए क्या कह रहे हैं जानकार...इस आईपीओ के जरिए हुंडई इंडिया की मूल कंपनी 142.2 मिलियन शेयर यानी 17.5% हिस्सेदारी बेच रही थी। इसके बाद हुंडई इडिया में मूल कंपनी की हिस्सेदारी घटकर 82.5% रह जाएगी। अपर प्राइस बैंड पर हुंडई मोटर इंडिया की वैल्यू लगभग $19 अरब है। बिक्री के हिसाब से हुंडई भारत की दूसरी सबसे बड़ी कार कंपनी है। इससे पहले देश का सबसे बड़ा आईपीओ लाने का रेकॉर्ड एलआईसी के नाम था। एलआईसी साल 2022 में 21,000 करोड़ रुपये का आईपीओ लाई थी। अब हुंडई इंडिया मोटर उस रेकॉर्ड को तोड़ने जा रही है।
कितनी बोली लगा सकते हैं
इसमें क्यूआईबी के लिए 50%, एनआईआई के लिए 15% और रिटेल निवेशकों के लिए 35% हिस्सा रिजर्व है। साथ ही कंपनी ने 7,78,400 इक्विटी शेयर अपने कर्मचारियों के लिए भी रिजर्व रखे हैं। उन्हें हर शेयर पर 186 रुपये का डिस्काउंट मिल रहा है। इनवेस्टर्स न्यूनतम सात इक्विटी शेयरों के लिए बोली लगा सकते हैं। यानी रिटेल इनवेस्टर्स को कम से कम 13,720 रुपये का निवेश करना होगा। अधिकतम 1,92,080 रुपये की बोली लगाई जा सकती है।
जीएमपी
इस बीच हुंडई के अनलिस्टेड शेयरों का ग्रे मार्केट प्रीमियम लगातार गिर रहा है। 4 अक्टूबर को यह 370 रुपये के प्रीमियम के साथ ट्रेड कर रहा था जबकि शुक्रवार को इसका प्रीमियम 170 रुपये रह गया था। अब इसका प्रीमियम मात्र 30 रुपये रह गया है। जानकारों का कहना है कि हुंडई का आईपीओ बहुत बड़ा है और यह बाजार से बहुत सारी लिक्विडिटी खींच लेगा। नियमों के मुताबिक हुंडई को अपनी भारतीय यूनिट में अपनी हिस्सेदारी 75% या उससे कम करनी होगी। इसका असर हुंडई मोटर इंडिया के शेयर मूल्य पर असर पड़ सकता है।कंपनी का प्रदर्शन
जानकारों का कहना है कि हुंडई मोटर इंडिया अत्यधिक प्रतिस्पर्धी बाजार में काम करती है। हुंडई और इसकी बड़ी प्रतिद्वंद्वी मारुति दोनों के मार्केट वॉल्यूम में पिछले पांच साल में गिरावट आई है।
हालांकि, हुंडई ने आने वाली तिमाहियों में कई नए मॉडल लॉन्च करने की योजना बनाई है। साथ ही कंपनी ने भारत में अपने विस्तार की भी योजना बनाई है। जोखिम लेने वाले निवेशकों को यह इश्यू आकर्षक लग सकता है जबकि जोखिम से बचने वाले निवेशक आईपीओ के बाद शेयर की कीमत के रुझान को देखना पसंद कर सकते हैं।
वित्त वर्ष 2022 और वित्त वर्ष 2024 के बीच एचएमआई का राजस्व सालाना 21.4% बढ़कर 69,829 करोड़ रुपये पर पहुंच गया, जबकि शुद्ध लाभ 44.5% बढ़कर 6,060 करोड़ रुपये हो गया। इसी अवधि के दौरान कंपनी का EBITDA मार्जिन 11.6% से बढ़कर 13.1% हो गया, जो इसकी प्रतिद्वंद्वी मारुति के बराबर है। बाजार में तीव्र प्रतिस्पर्धा के कारण कंपनी की पीवी बाजार में हिस्सेदारी में धीरे-धीरे गिरावट आई है। वित्त वर्ष 2020 में यह 17.6% थी जो वित्त वर्ष 2024 में 14.6% रह गई।क्या कहते हैं जानकार
विश्लेषकों और ब्रोकरेज का कहना है कि हुंडई का आईपीओ एक मजबूत दीर्घकालिक निवेश हो सकता है। आईसीआईसीआई डायरेक्ट ने एक नोट में कहा कि इस आईपीओ से सीमित लिस्टिंग लाभ की उम्मीद है। बजाज ब्रोकिंग ने कहा कि यह इश्यू अपेक्षाकृत पूरी तरह से कीमत पर उपलब्ध है, लेकिन कंपनी अपने चल रहे विस्तार के पूरा होने के बाद उज्ज्वल संभावनाओं के लिए तैयार है। आठ ब्रोकरेज ने केवल लंबी अवधि के निवेशकों के लिए आईपीओ के लिए सब्सक्राइब रेटिंग दी है।
एंकर निवेशकों से कितने जुटाए
इस बीच कंपनी ने 225 एंकर निवेशकों से 8,315.3 करोड़ रुपये जुटाए हैं। Government of Singapore, New World Fund Inc, Monetary Authority of Singapore, Fidelity, Government Pension Fund Global, Blackrock, JP Morgan, Goldman Sachs, Societe Generale, Morgan Stanley, Citigroup Global और Abu Dhabi Investment Authority समेत कई ग्लोबल इनवेस्टर्स ने हुंडई में 2,191.66 करोड़ रुपये का निवेश किया है। कंपनी ने एंकर निवेशकों को 1,960 रुपये के भाव पर 4.2 करोड़ इक्विटी शेयर आवंटित किए हैं। ब्लैकरॉक दुनिया का सबसे बड़ी एसेट मैनेजमेंट कंपनी है।