मीडिया से चर्चा करते हुए डॉ रमन सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री ग्राम गौरव पथ योजना में 6 हजार 211 गौरव पथ निर्माण,मल्टीलेन सड़क की लंबाई 31 किमी से 30 गुना बढ़ाकर 934 किमी की गई। हमारी सरकार ने 2 लेन सड़क की लंबाई 1 हजार 251 किमी से 5 गुना बढ़ाकर 6 हजार 271 किमी की, हमने प्रदेश के 124 ब्लॉक मुख्यालय 7 मीटर चौड़ी सड़क से जोड़े। इस बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि 2018-19 में हमारे सरकार के अंतिम बजट में लोक निर्माण विभाग को प्रदेश में विकास के लिए 7 हजार 187 करोड़ का बजट दिया गया वहीं यदि आप 4 वर्षों की कांग्रेस सरकार के बाद इनका बजट देखें तो 2022-23 में लोक निर्माण विभाग का बजट घटकर 6 हजार 634 करोड़ कर दिया गया है। जिला सड़क निर्माण के लिए 2018-19 में भाजपा सरकार ने 1047 करोड़ की राशि दी थी, 4 साल बाद काग्रेस सरकार ने इसे घटाकर 349 करोड़ कर दिया।
यहीं हाल राज्य सड़कों के बजट का हैं। सड़कों को बना देने से काम नहीं चलता हैं, उसका मरम्मत और रखरखाव करना होता हैं। 2018 में सड़को के डामरीकरण के लिए हमारी सरकार नें 28 करोड़ दिए और भूपेश सरकार ने 4 सालों में सिर्फ 13 करोड़ दिए। सड़कों के नवीनीकरण के लिए भाजपा सरकार ने 2018 में 520 करोड रुपए विभाग को दिए, कांग्रेस सरकार ने 3 वर्षाे में इसे एक चौथाई कर दिया और 2022-23 में केवल 138 करोड़ का प्रावधान किया। यहीं हाल ग्रामीण सड़को की मरम्मत का है, हमारी सरकार ने 2018-19 में ग्रामीण सड़कों के संधारण के लिए 436 करोड़ का प्रावाधान किया था वहीं कांग्रेस सरकार ने इसे 3 वर्षाे में 125 करोड़ कर दिया।
15 वर्षों में छत्तीसगढ़ में भारतीय जनता पार्टी की सरकार रही, इस डेढ़ दशक में हमारी सरकार ने पूरे प्रदेश में 60 हजार किमी सड़कों का जाल बिछाया और सुदूर अंचलों को भी सड़क मार्ग से जोड़कर मुख्यधारा में शामिल किया.बस्तर संभाग की 12 विधानसभाओं हेतु वर्ष 2019 से वर्ष 2022 तक बजटेड कार्य, मेंटेनेंस कार्य एवं मुख्यमंत्री सुगम सड़क योजना के तहत सरकार द्वारा लगभग 1300 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया, वहीं सरगुजा संभाग 14 विधानसभाओं हेतु लगभग 1730 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया लेकिन मित्रों आपको जानकर आश्चर्य होगा कि प्रदेश की सिर्फ एक विधानसभा जिसका नाम पाटन है उसके लिए पिछले 4 वर्षों में बजटेड कार्य, मेंटेनेंस कार्य एवं मुख्यमंत्री सुगम सड़क योजना हेतु 1750 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया।
आज पूरी कांग्रेस पार्टी शराबबंदी के मुद्दे पर मुंह छिपाकर घूम रही है, कभी कहते हैं कि हमनें कसम नहीं खाई और कभी कहते हैं कि शराबबंदी लागू करना संभव नहीं है।यह वही कांग्रेस पार्टी है जिसने प्रदेश की माताओं-बहनों से जाकर यह पूछा था कि उन्हें कांग्रेस से क्या चाहिए, जब महिलाओं ने शराबबंदी की बात कही तो उसे कांग्रेस पार्टी ने जन-घोषणा पत्र में शामिल भी कर लिया लेकिन आज अपने वादे से मुकर रही है। गंगाजल सामने रखकर, डोंगरगढ़ में माता बम्लेश्वरी के धाम से जन घोषणा पत्र का वादा करने वाली इस कांग्रेस सरकार ने नवरात्रि के पावन पर्व पर शराबबंदी के मुद्दे से पीछे हटते हुए ना केवल बमलेश्वरी माता और गंगा मैया का अपमान किया है बल्कि छत्तीसगढ़ महतारी को भी अपमानित करने का कार्य किया है। शराबियों और जुआरियों की संरक्षक बन चुकी इस सरकार की मंशा कभी भी शराबबंदी की नहीं रही है, बल्कि इस सरकार ने तो वैश्विक महामारी के दौरान शराब की आॅनलाइन डिलीवरी करवाई है।