अमेरिकी सरकार के पास देश चलाने के लिए फंड खत्म हो चुका है। सरकार को फंडिंग करने वाला बिल गुरुवार को अमेरिकी संसद से पास नहीं हो पाया। इस बिल को अमेरिका के नव-निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और उनके सहयोगी इलॉन मस्क के समर्थन से रिपब्लिकन पार्टी ने पेश किया था। बिल को पास होने के लिए 435 सांसदों वाले हाउस से दो तिहाई यानी 290 वोटों की जरूरत थी। लेकिन समर्थन में 174 सांसदों ने ही वोट किया। जबकि इसके विरोध में 235 वोट पड़े। बिल का विरोध करने वालों में ट्रम्प की पार्टी के 38 सांसद भी शामिल रहे हैं। इससे पहले हाउस के स्पीकर माइक जॉनसन ने डेमोक्रेटिक पार्टी को साथ लेकर एक बिल तैयार किया था। हालांकि डोनाल्ड ट्रम्प और मस्क ने इस बिल पर कड़ी आपत्ति जताई थी और इसे पेश ही नहीं होने दिया था।
सरकार की फंडिंग से जुड़ा कोई भी बिल पास कराने के लिए अमेरिकी सांसदों के पास शनिवार सुबह साढ़े 9 बजे तक (भारतीय समय के मुताबिक) का समय है। इसके बाद भी बिल पास नहीं हुआ तो अमेरिकी सरकार के पास सरकारी खर्च के लिए पैसे नहीं बचेंगे। ऐसी स्थिति में अमेरिका में शटडाउन लग सकता है।
सरकारी खर्च चलाने के लिए संसद में बिल पास होना जरूरी
अमेरिका में सरकार के कर्ज की एक सीमा तय होती है। वह देश चलाने के लिए उससे ज्यादा उधार नहीं ले सकती है। बीते सालों में सरकार को कैशलेस होने से बचाने के लिए ये सीमा कई बार बढ़ी है। इसके लिए एक बिल अमेरिकी संसद हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव में लाया जाता है।
मौजूदा बिल को ट्रम्प की ओर से लाया गया था, ताकि राष्ट्रपति बनने पर वे आसानी से देश चला सकें। इसे ही विपक्ष ने खारिज किया है। इसका सीधा मतलब है कि अमेरिका को खर्च के लिए पैसा नहीं मिलेगा।
एक बार बिल खारिज होने के बाद इसे दोबारा पास कराने के लिए आज यानी शुक्रवार तक का आखिरी समय है। इसके बाद भी बिल पास नहीं हुआ तो अमेरिकी सरकार के पास सरकारी खर्च के लिए पैसे नहीं बचेंगे। ऐसी स्थिति में अमेरिका में शटडाउन लग सकता है। अगर ऐसा होता है तो इससे अमेरिका की अर्थव्यवस्था पर खराब असर पड़ेगा और आने वाली ट्रम्प सरकार पर दबाव बढ़ेगा।
कर्ज सीमा को बढ़ाने को लेकर विवाद
अमेरिका का बजट घाटा बहुत ज्यादा है। इसका मतलब ये हुआ कि सरकार का खर्च उसकी कमाई से कहीं ज्यादा है। इसके चलते उसे अपने कामकाज के लिए कर्ज लेना पड़ता है। हालांकि अमेरिकी सरकार जितना चाहे उतना कर्ज नहीं ले सकती है। इसके लिए एक कर्ज सीमा तय होती है। अमेरिकी सरकार अपने खर्चें का भुगतान इसी सीमा के भीतर कर पाती है। अमेरिका में कर्ज लेने की प्रक्रिया 1939 में शुरू हुई थी। लेकिन तब से अब तक कर्ज लेने की सीमा को 103 बार बढ़ाया जा चुका है। आखिरी बार मई 2023 में अमेरिकी सरकार की कर्ज लेने की सीमा 31.4 ट्रिलियन डॉलर यानी कि 26 लाख हजार करोड़ रुपए तय की गई थी। यह 1 जनवरी 2025 को खत्म हो रहा है। बाइडेन सरकार जो विधेयक ला रही थी, उसमें यह प्रावधान था कि 14 मार्च 2025 तक कर्ज सीमा को यूं ही बरकरार रखा जाए। उसके बाद की मामला ट्रम्प सरकार देखे।
ट्रम्प बोले- अगर शटडाउन होता है तो हो जाए
ट्रम्प और मस्क को इसी से आपत्ति है। ट्रम्प ने कहा कि संसद को कर्ज सीमा से छुटकारा पा जाना चाहिए या फिर इसे 2029 तक बढ़ा देना चाहिए। इसके बिना हम कोई भी समझौता नहीं करेंगे। ट्रम्प ने शुक्रवार सुबह इस मामले पर कहा था कि अगर शटडाउन होता है तो अभी हो जाए, 20 जनवरी के बाद नहीं। यह बाइडेन की समस्या है, लेकिन अगर रिपब्लिकन इसे ठीक करने में मदद कर सकते हैं तो करेंगे।
रिपब्लिकन पार्टी के कई सांसद ट्रम्प के कर्ज सीमा से पूरी तरह छुटकारा पाने की मांग से सहमत नहीं हैं। वे सांसद चाहते हैं कि कर्ज के सीमा के भीतर ही लिया जाए।