गुड़ और चावल के आटे के मेल से बना अईरसा पकवान छत्तीसगढ़ के पकवानों में विशेष स्थान रखता है। इसे तैयार करने की विधि भी बहुत खास है। पहले चावल को धोकर इसे रातभर सुखाया जाता है। सूखे चावल को पारंपरिक रूप से ढेकी में कूटा जाता है। फिर गुड़ की चाशनी में इस चावल आटे को मिलाकर और कढ़ाई में तेल से तल कर अईरसा पकवान तैयार किया जाता है। छत्तीसगढ़ के तीज त्योहारों में अईरसा पकवान विशेष रूप से खाया जाता है।
छत्तीसगढ़ी संस्कृति के संरक्षण और संवर्धन के प्रति मुख्यमंत्री बघेल का विशेष जोर है।मुख्यमंत्री की पहल पर पहली बार बोरे बासी दिवस का पूरे प्रदेश में आयोजन किया गया। छत्तीसगढ़ी परंपरा को बढ़ावा देने के इस प्रयास से बड़े पैमाने पर लोग जुड़े। इसी प्रकार स्थानीय तीज त्योहारों पर अवकाश सहित इन अवसरों पर छत्तीसगढ़ी संस्कृति को भव्यता प्रदान करने की दिशा में लगातार कार्य किया जा रहा है।