लंदन : ब्रिटिश सरकार के सूत्रों ने मंगलवार को लंदन में कहा कि भारत में बीबीसी कार्यालयों में आयकर सर्वेक्षणों के बाद ब्रिटेन 'बारीकी से नजर' रख रहा है। अधिकारियों ने नई दिल्ली में बताया कि आयकर विभाग ने मंगलवार को कथित कर चोरी की जांच के तहत दिल्ली और मुंबई में बीबीसी के कार्यालयों में 'सर्वे ऑपरेशन' चलाया। ब्रिटेन के सार्वजनिक प्रसारक बीबीसी ने कहा कि वह भारतीय आयकर विभाग के अधिकारियों के साथ पूरा सहयोग कर रहा है और उम्मीद है कि यह स्थिति जल्द से जल्द सुलझ जाएगी। इस सर्वेक्षण के संबंध में ब्रिटिश सरकार की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन ब्रिटिश सूत्रों ने कहा कि वे भारत में बीबीसी के कार्यालयों में किए गए कर सर्वेक्षणों की 'बारीकी से नजर' रख रहे हैं।
नई दिल्ली में, अधिकारियों ने कहा कि सर्वे अंतरराष्ट्रीय कराधान और बीबीसी की सहायक कंपनियों के 'ट्रांसफर प्राइसिंग' से संबंधित मुद्दों की जांच के लिए किया गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि विगत में बीबीसी को नोटिस दिया गया था लेकिन उसने उस पर गौर नहीं किया और उसका पालन नहीं किया। उसने अपने मुनाफे के खास हिस्से को अन्यत्र अंतरित किया। ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कॉर्पोरेशन (बीबीसी) ने आयकर सर्वे के संबंध में अधिक विवरण नहीं दिया। बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री ने खड़ा किया विवाद
बीबीसी के एक प्रवक्ता ने एक बयान में कहा, 'आयकर अधिकारी इस समय नई दिल्ली और मुंबई में बीबीसी कार्यालयों में हैं और हम पूरी तरह से सहयोग कर रहे हैं। हमें उम्मीद है कि यह स्थिति जल्द से जल्द सुलझ जाएगी।' ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कॉर्पोरेशन (बीबीसी) द्वारा दो एपिसोड वाली डॉक्यूमेंट्री 'इंडिया : द मोदी क्वेश्चन' प्रसारित किए जाने के कुछ हफ्तों बाद यह औचक कार्रवाई हुई। इस बीच, मंगलवार सुबह सर्वेक्षण की खबर आने के साथ ही ब्रिटेन में लोग हैरान रह गए और आम सहमति यह थी कि यह कार्रवाई पिछले महीने प्रसारित विवादास्पद बीबीसी डॉक्यूमेंट्री से जुड़ी है।
इनकम टैक्स सर्वे को बताया 'बदला'
लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स की प्रमुख लेखिका और शिक्षाविद मुकुलिका बनर्जी ने कहा, 'हर कोई हैरान है और किसी को भी मूर्ख नहीं बनाया जा सकता। आज का कर सर्वेक्षण, जैसा कि कहा जा रहा है, बीबीसी के हालिया वृत्तवित्र 'द मोदी क्वेश्चन' का बदला है।' उन्होंने कहा, 'बीबीसी एक स्वतंत्र सार्वजनिक प्रसारक है, इसलिए अगर वह कोई वृत्तचित्र बनाता है, तो वह ब्रिटिश सरकार के इशारे पर काम नहीं कर रहा है। वास्तव में, बीबीसी के पत्रकार नियमित रूप से ब्रिटिश प्रधानमंत्री और सभी निर्वाचित अधिकारियों को उनके कार्यों के लिए जवाबदेह ठहराते हुए उनसे सवाल करते करते हैं।'