क्या कहा वित्त मंत्री ने?
इस कार्यक्रम में वित्त मंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय हित की सुरक्षा सबसे जरूरी है। उन्होंने कहा कि हम देश में निवेश के लिए पैसा आंख बंद करके किसी भी देश से नहीं ले सकते। उन्होंने कहा, 'मैं आंखें मूंदकर एफडीआई स्वीकार नहीं कर सकतीं। यह भूलकर या इस बात से बेखबर कि यह कहां से आ रहा है।'
वित्त मंत्री ने कहा कि संवेदनशील भू-राजनीतिक परिदृश्य के कारण कुछ प्रतिबंध लागू रहने चाहिए। उन्होंने कहा, 'हम व्यापार चाहते हैं। हम निवेश चाहते हैं। लेकिन हमें कुछ सुरक्षा उपायों की भी जरूरत है, क्योंकि भारत एक ऐसे पड़ोस में स्थित है जो बहुत ही संवेदनशील है।'
सीमा विवाद के बाद बदल गए हालात
भारत और चीन के बीच साल 2020 में हुए गलवान में झड़प हुई थी। इसके बाद दोनों देशों के बीच दूरी आ गई थी। निवेश, टेक्नॉलजी और दूसरी कई चीजें प्रभावित हुई हैं। इसके बाद भारत ने पड़ोसी देशों से निवेश के लिए अपनी जांच प्रक्रियाओं को कड़ा कर दिया। सबसे ज्यादा ध्यान चीन से जुड़ी कंपनियों पर केंद्रित किया। कई चीनी कंपनियों पर लगाम कसी गई। हालांकि इसका असर उन भारतीय कंपनियों पर भी पड़ा जिनमें चीन का पैसा लगा हुआ था।