नई दिल्ली: टाटा ग्रुप के पूर्व चेयरमैन रतन टाटा का हाल ही में मुंबई में निधन हो गया था। वह अपने पीछे करीब 7,900 करोड़ रुपये की संपत्ति छोड़ गए हैं।सूत्रों के मुताबिक उन्होंने अपनी वसीयत को एग्जीक्यूट करने की जिम्मेदारी अपने करीबी वकील दोस्त डेरियस खंबाटा और सहयोगी मेहली मिस्त्री को दी है। साथ ही उन्होंने अपनी सौतेली बहनों शिरीन और डियना जीजीभॉय को भी इसके लिए नॉमिनेट किया है। रतन टाटा का 9 अक्टूबर को 86 वर्ष की उम्र में निधन हो गया था। उनके सौतेले भाई नोएल टाटा को टाटा ट्रस्ट्स का नया चेयरमैन बनाया गया है। टाटा ट्रस्ट्स की टाटा ग्रुप की होल्डिंग कंपनी टाटा संस में 66% हिस्सेदारी है। टाटा ग्रुप देश का सबसे बड़ा औद्योगिक घराना है।हुरुन इंडिया रिच लिस्ट 2024 के अनुसार रतन टाटा के पास टाटा संस में 0.83% हिस्सेदारी थी और उनकी नेटवर्थ 7,900 करोड़ रुपये थी। टाटा चाहते थे कि उनकी संपत्ति का एक बड़ा हिस्सा दान और समाज के कल्याण में दिया जाए। उनकी लगभग तीन-चौथाई नेटवर्थ टाटा संस में उनकी हिस्सेदारी से जुड़ी है। इसके अलावा टाटा ने ओला, पेटीएम, ट्रैक्सन, फर्स्टक्राई, ब्लूस्टोन, कारदेखो, कैशकरो, अर्बन कंपनी और अपस्टॉक्स सहित लगभग दो दर्जन कंपनियों में निवेश किया था। हालांकि इनमें से कुछ कंपनियों में अपनी हिस्सेदारी बेच दी थी।
कहां-कहां है निवेश
मुंबई के कोलाबा में उनका घर था। साथ ही उनके पास अलीबाग में अरब सागर के तट पर एक होलिडे होम था। टाटा की वसीयत की डिटेल पूरी तरह प्राइवेट है। मेहली मिस्त्री रतन टाटा के विश्वासपात्र थे और सर दोराबजी टाटा ट्रस्ट और सर रतन टाटा ट्रस्ट के बोर्ड में ट्रस्टी थे। इन दो ट्रस्टों की टाटा संस में कुल मिलाकर लगभग 52% हिस्सेदारी है। ग्रुप की लिस्टेड कंपनियों में टाटा संस की हिस्सेदारी की मार्केट वैल्यू लगभग 16.71 लाख करोड़ रुपये है।इस बारे में टिप्पणी के लिए मिस्त्री और खंबाटा से संपर्क नहीं हो सका और न ही जीजीभॉय से। जीजीभॉय बहनें रतन टाटा की मां सूनू की बेटियां हैं। उनकी मां की दूसरी शादी सर जमशेदजी जीजीभॉय से हुई थी। टाटा की बहनों ने परोपकारी कामों में हमेशा बढ़चढ़कर हिस्सा लिया है। डियना 1990 और 2000 के दशक की शुरुआत में रतन टाटा ट्रस्ट के बोर्ड में ट्रस्टी थीं। टाटा में काम कर चुके एक सूत्र ने बताया कि दिवंगत रतन टाटा अपनी छोटी बहनों के बहुत करीब थे।