कंगाल हो चुके पाकिस्तान के परमाणु कार्यक्रम की क्यों हो रही जांच? समझें क्या है दुनिया को खतरा
Updated on
17-02-2023 06:58 PM
इस्लामाबाद: परमाणु शक्ति संपन्न पाकिस्तान दिवालिया होने के कगार पर खड़ा है। पाकिस्तान को अगर जल्द विदेशी मदद नहीं मिली तो जिन्ना का यह देश डिफॉल्ट घोषित हो सकता है। ऐसे में पाकिस्तान के परमाणु बम ने दुनिया के सामने नई चुनौती खड़ी कर दी है। विशेषज्ञों को डर है कि दिवालिया होने की सूरत में पाकिस्तान में नागरिक सरकार का पतन हो सकता है। ऐसे में पाकिस्तानी सेना पूर्ण रूप से सत्ता पर कब्जा कर सकती है। हालात इतने गंभीर हो सकते हैं कि नीचे के कर्मचारी ऊपरी आदेशों को मानने से इनकार कर सकते हैं। इस डर के बीच इंटरनेशनल एटॉमिक रिसर्च एजेंसी के प्रमुख राफेल मारियानो ग्रॉसी पाकिस्तान के दौरे पर हैं। उनके साथ आईएईए का एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल भी मौजूद है।IAEA की टीम ने किया पाकिस्तान का दौरा
पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, आईएईए की टीम ने पाकिस्तानी परमाणु प्रतिष्ठानों का दौरा किया है। इस दौरान टीम ने प्रतिष्ठानों के सुरक्षा का जायजा लिया और जरूरी दस्तावेजों की जांच की। दौरे के बाद राफेल मारियानो ग्रॉसी ने पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ से भी मुलाकात की। इसके बाद ग्रासी ने बताया कि परमाणु सुरक्षा पाकिस्तान और IAEA के बीच निरंतर सहयोग के भीतर एक महत्वपूर्ण तत्व है। मैं परमाणु सुरक्षा में पाकिस्तान सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के उच्च मानकों से प्रभावित था और मैं हमारे उत्कृष्ट सहयोग को बढ़ाने के लिए उत्सुक हूं।पाकिस्तान के परमाणु हथियार बनें दुनिया के लिए खतरा
पाकिस्तान एक अस्थिर मुल्क है। पहले भी पाकिस्तान पर कई बार मार्शल लॉ लग चुका है। कई पाकिस्तानी राजनेताओं को राजनीतिक प्रतिद्वंदिता में जेल की हवा खानी पड़ी है तो कुछ को फांसी पर लटकाया जा चुका है। जुल्फिकार अली भुट्टो का नाम उनमें प्रमुख है। ऐसे में ऐसे देश के पास परमाणु हथियार का होना काफी खतरनाक है। पाकिस्तान एकमात्र मुस्लिम देश है, जिसके पास परमाणु हथियार है। ऐसे में आशंका है कि अगर पाकिस्तान में अराजकता आती है तो परमाणु हथियार आतंकियों के हाथ में जा सकते हैं। इससे सबसे ज्यादा खतरा भारत, अमेरिका और बाकी यूरोपीय देशों को हो सकता है।
क्या पाकिस्तान का परमाणु निरस्त्रीकरण होगा
आईएईए के दौरे के बाद सवाल उठ रहे हैं कि क्या पाकिस्तान आर्थिक मदद के लिए अपने परमाणु हथियारों का त्याग कर सकता है। हालांकि, इसकी संभावना बहुत ही कम दिखाई देती है। पाकिस्तान ऐसा मुल्क है, जिसके पास खाने को कुछ भी न हो, तब भी वह परमाणु हथियारों को नहीं छोड़ सकता है। पाकिस्तान में परमाणु निरस्त्रीकरण के सवाल पर सरकार के गिरने का खतरा है। ऐसे में कोई भी राजनेता ऐसा रिस्क नहीं ले सकता है। पाकिस्तान को सबसे ज्यादा खतरा भारत से है। भारत के पास पहले से ही परमाणु हथियार हैं। ऐसे में पाकिस्तान खुद की सुरक्षा के लिए परमाणु हथियारों को ब्रह्मास्त्र के तौर पर रखना चाहता है।