आर्थिक और राजनीतिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका को जल्द थोड़ी राहत मिल सकती है। रिपोर्ट्स के मुताबिक आईएमएफ के प्रतिनिधियों के साथ हुई चर्चा में श्रीलंका 2.9 अरब डॉलर के सशर्त राहत पैकेज पर राजी हो गया है। श्रीलंका में विदेशी मुद्रा भंडार खत्म होने की वजह से आयात रुक गया था। यहां की आवाम खाने और पेट्रोल-डीजल के लिए भी तरस रही थी।
श्रीलंका पर 51 अरब डॉलर का विदेशीकर्ज है। जुलाई में गुस्साए हुए प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति भवन पर कब्जा कर लिया था। इसके बाद पूर्व राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे देश छोड़कर भाग गए थे। सिंगापुर से ही उन्होंने अपना इस्तीफा भेजा था। अब आईएमएफ के साथ सहमति बनने पर श्रीलंका के राष्ट्र्पति रानिल विक्रमसिंघे ने कहा है कि यह देश के इतिहास का बेहद अहम कदम है।
उन्होंने कहा, शुरुआत में कठिनाइयां आएंगी लेकिन हमें आगे बढ़ना
है और प्रगति करनी है। जो हमारा संकल्प है अभी केवल उसी पर विचार करना है।
आईएमएफ के एक अधिकारी ने कहा कि श्रीलंका को संकट से उबारने के लिए यह
प्रयास किया जा रहा है। आईएमएफ ने पहले भी कहा था कि हमारा प्रतिनिधिमंडल
श्रीलंका के साथ वित्तीय सुधारों पर चर्चा करेगा।
प्रेस रिलीज के मुताबिक आईएमएफ ने कहा था कि वह इस बात का आश्वासन चाहते
हैं कि ऋण स्थिरता बहाल रहेगी। श्रीलंका ने मई में ही आईएमएफ से राहत पैकेज
की बात शुरू की थी लेकिन जून में स्थिति गड़बड़ होने की वजह से बातचीत रुक
गई।